OMG ! क्या आप भी बिना धुले पहनते हैं नए कपड़े ? | Sanmarg

OMG ! क्या आप भी बिना धुले पहनते हैं नए कपड़े ?

कोलकता : नए कपड़े पहनना किसे अच्छा नहीं लगता। ये आपके मन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नए कपड़े आपको बीमार भी कर सकते हैं। जी हां, पढ़ने या सुनने में आपको भले ही यह थोड़ा अजीब लगे, लेकिन ये हकीकत है। आपको बता दें कि ज्यादातर लोग नए कपड़ों को घर लाते ही पहनना शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है। एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसे कपड़े पहनने से इन्फेक्शन और बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

बता दें कि, कई लोग ऑनलाइन कपड़े मंगाते हैं। फिटिंग सही न होने पर लौटा देते हैं। इसी तरह, ट्रायल रूम में भी लोग कपड़े पहनते हैं और पसंद न आने पर वहीं छोड़ देते हैं। फिर इन कपड़ों को दोबारा रैक पर लगा दिए जाता है, जिन्हें कोई और खरीद कर पहनना शुरू कर देता है। कई बार ऐसे कपड़े पहनने से आपको स्किन से संबंधित समस्या हो सकती है।

शो रूम का ट्रॉयल रूम

बैक्टीरिया को बांटने में शोरूम का ट्रायल रूम भी जिम्मेदार है। बता दें कि, मॉल या शोरूम में कोई भी व्यक्ति कपड़े लेने जाता है तो सबसे पहले वह ट्रॉयल रूम में जाकर फिटिंग चेक करता है। कपड़ा अनफिट होने पर वह उस कपड़े को वहीं पर छोड़ देता है, लेकिन उस व्यक्ति का पसीना या मैल उसी कपड़े में चिपक जाता है। इसके बाद इस कपड़े को फोल्ड कर रैक कर दिया जाता है। वहीं, फिर इस कपड़े को कोई और ले जाता है और बिना धुले पहनने लगता है तो वह पसीना उस व्यक्ति की स्किन का प्रभावित कर सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसा बहुत ही कम होता है।

 

ऑनलाइन शॉपिंग बड़ा कारण

कई बार देखा गया कि लोग ऑनलाइन कपड़ा मंगवाते हैं। पहनकर देखने के बाद फिटिंग ठीक ना होने से वे उस कपड़े का वापस कर देते हैं। इसके चलते उस व्यक्ति का पसीना या मैल उस कपड़े में लग जाता है। यही कपड़ा जब कोई दूसरा व्यक्ति लेता है तो वह पसीना उसकी त्वचा को प्रभावित कर सकता है। ये ऐसे वायरस या बैक्टीरिया होते हैं, जो नग्न आंखों से नहीं दिखाई देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि नए कपड़े की धुलाई के बाद ही उसे पहनें।

केमिकल भी कर सकते हैं बीमार

एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादातर कंपनियां कपड़ों से दाग-धब्बे हटाने, रंगने, सॉफ्ट बनाने और सिकुड़न दूर करने के लिए कई तरह के केमिकल यूज करती हैं, जोकि सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। हालांकि कंपनियां इस केमिकल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देती हैं। कई ऐसी कंपनियां होती हैं जो फॉमेल्डिहाइड जैसे केमिकल मानक से अधिक मिलाते हैं।

इनको इन्फेक्शन का अधिक खतरा

एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं को नए कपड़ों के खतरे अधिक हैं। बता दें कि, बच्चों को मोलेस्कम जैसे वायरल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है, जिससे उनके संक्रमण की चपेट में आने की आशंका बनी रहती है। इसलिए हमेशा धोने के बाद ही नए कपड़े पहनने चाहिए।

 

 

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