कोलकाता : धनतेरस, दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत करता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है, जबकि दुख-दरिद्रता दूर होती है। धनतेरस के पावन अवसर पर भगवान धन्वंतरि के निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करने की सलाह दी गई है:
मंत्र:
ॐ धन्वंतरि देवाय नमः
इस मंत्र का जाप करने से आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है, और किसी भी रोग से मुक्ति पाने में मदद मिलती है।
स्तोत्र पाठ
धनतेरस के दिन श्री सूक्तम और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। साथ ही, मां अन्नपूर्णा का स्तोत्र पाठ करने से अन्न की कमी नहीं होती, और घर में समृद्धि बनी रहती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
- धनतेरस की त्रयोदशी तिथि: 29 अक्टूबर, सुबह 10:31 बजे से शुरू होकर 30 अक्टूबर, दोपहर 1:15 बजे तक।
- धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: 29 अक्टूबर को शाम 06:30 बजे से 08:12 बजे तक।
- प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त: शाम 05:37 बजे से रात 08:12 बजे तक।
धनतेरस पर इन मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करने से न केवल सुख-समृद्धि का वास होता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि आपके घर में धन और स्वास्थ्य की कमी न हो। इस धनतेरस, भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन में खुशहाली लाएं!