कोलकाता: सर्दी के धरती पर उतरने के साथ मौसमी फलों में अंगूर के साथ संतरे, मौसंबी भी बाजार में बिकने को आ जाते हैं। प्रकृति ने हमें स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए मौसम की आवश्यकतानुसार फल व अनाज प्रदान किए। इन्हीं फलों में से एक फल है संतरा। संतरा सिर्फ स्वाद का प्रतीक ही नहीं बल्कि स्वाद से कहीं ज्यादा औषधीय महत्त्व रखता है।
संतरे में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी तो होता ही है, बी ग्रुप के विटामिन व आयरन भी पाये जाते हैं। इसके अलावा इससे अम्ल के रूप में साइट्रिक अम्ल पाया जाता है जो अस्थियों व दांतों की सुरक्षा के लिए आवश्यक अम्ल है। आइये इसके औषधीय गुणों पर एक नजर डालते हैं।
-गर्भवती स्त्री के लिए प्रतिदिन एक संतरा लेना काफी लाभप्रद होता है। इसके सेवन से गर्भावस्था के दौरान होने वाले प्रचलित रोग पेट का खराब होना, उल्टी इत्यादि से छुटकारा मिलता है।
-स्कर्वी नामक रोग में लाभ पहुंचाता है।
-किडनी के स्वास्थ्य में संतरे की अहम् भूमिका है।
-सर्दी जुकाम में औषधि का काम करता है संतरा।
-पेट साफ न होने की दशा में रोजाना संतरा खायें, कब्ज से छुटकारा पायें।
-टायफाइड में संतरा लाभप्रद है।
-संतरों के छिलकों को सुखाकर पाउडर बनाकर चाय के साथ उबालकर पीजिए। चाय में स्वाद आएगा और औषधि लाभ भी प्राप्त करेंगे।
-रक्त शोध होने के साथ-साथ संतरा दृष्टि दोष को भी सामान्य करता है।
-चर्म रोगों में फायदेमंद है। खाज, खुजली व देर से ठीक होने वाले घावों में लाभ पहुंचाता है।- आपको अपनी स्मरण शक्ति दुरूस्त रखनी हो तो संतरे का रस पियें।