कोलकाता : हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं और धन-संपत्ति में भी वृद्धि हो सकती है। इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व है। इससे व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति हो सकती है और व्यक्ति की मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती है। वहीं, इस दिन गुरु पुष्य समेत 5 शुभ योगों का निर्माण भी होने जा रहा है। इसलिए इस दिन का विशेष महत्व है। अब ऐसे में इस साल पौष पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा, शुभ मुहूर्त क्या है, चंद्रोदय का समय क्या है और इसका महत्व क्या है।
आईये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। जानें कब है पौष पूर्णिमा?
वैदिक पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा इस साल दिनांक 24 जनवरी दिन बुधवार को रात 09:49 मिनट से लेकर दिनांक 25 जनवरी दिन गुरुवार को रात 11:23 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा-पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। पौष पूर्णिमा के व्रत के लिए चंद्रोदय का समय और स्नान-दान के लिए उदयातिथि का विशेष महत्व होता है। इसके आधार पर ही पौष पूर्णिमा दिनांक 25 जनवरी को है। वहीं जो लोग दिनांक 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा का व्रत रख रहे हैं, वह सूर्योदय के बाद से ही पूजा-पाठ कर सकते हैं। क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। उसके बाद अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा। इसके अनुसार पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ किया जा सकता है।
जानें पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय
पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 05 बजकर 29 मिनट पर होगा। उस दिन चंद्रास्त का समय नहीं है। वहीं जिन लोगों को अर्घ्य चंद्रमा को अर्घ्य देना है। वह प्रदोष काल में शाम 05 बजकर 54 मिनट के बाद दे सकते हैं।
जानें पौष पूर्णिमा का क्या है महत्व
पौष माह को सूर्यदेव का माह कहा जाता है। इस मास में सूर्यदेव की आराधना करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान और सू्र्यदेव को अर्घ्य देने की खा परंपरा है। इस माह में चंद्रदेव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य और चंद्र दोनों का विशेष योग है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को मनोकामना पूरी हो सकती है और जीवन में चल रही सभी परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है।
Paush Purnima 2024: इस साल कब है पौष पूर्णिमा?
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