नई दिल्ली : हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक जन्माष्टमी मनाई जाती है। ऐसे में इस दिन भक्त पूरे मनोभाव से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा-आराधना करते हैं और मासिक जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं उनसे श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं। इससे हमारे जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आपको बता दें कि इस साल मासिक जन्माष्टमी के दिन दुर्लभ शिववास योग का निर्माण भी हो रहा है। ऐसे में इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करना भक्तों के लिए बेहद शुभ बताया जा रहा है।
आईए जानते हैं जन्माष्टमी की तिथि…
आपको बता दें कि सावन माह में पंचांग के अनुसार, मासिक जन्माष्टमी की तिथि 27 जुलाई की रात 9 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 28 जुलाई की शाम 7 बजकर 27 मिनट पर हो जाएगा। श्रीकृष्ण का जन्म निशा काल या मध्यरात्रि हुआ था जिस चलते 27 जुलाई को ही मासिक जन्माष्टमी मनाई जाएगी और मासिक जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा।
जानते हैं इसकी पूजा विधि…
मासिक जन्माष्टमी पर पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और श्रीकृष्ण का ध्यान करके भक्त मासिक जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं. इस दिन पूजास्थल या मंदिर की अच्छे से सफाई की जाती है, चौकी सजाई जाती है और उसपर श्रीकृष्ण या उनके बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की प्रतिमा सजाई जाती है. पूजा करने के लिए बाल गोपाल के समक्ष धूप और दीपक जलाया जाता है. इसके बाद प्रतिमा को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराया जाता है. गोपी चंदन और हल्दी का तिलक लगाया जाता है, भगवान को माखन और मिश्री के साथ ही तुलसी को भोग में अर्पित किया जाता है. श्रीकृष्ण की पूजा में कृष्ण मंत्रों का जाप किया जा सकता है, भक्त श्रीकृष्ण चालीसा का पाठ करते हैं और इस दिन श्रीकृष्ण की आरती गाते हैं