हावड़ा : आज उत्तर हावड़ा में शीतला माता की ऐतिहासिक स्नानयात्रा महोत्सव है। ऐसा मानना है कि माघी पूर्णिमा के बाद मौसम में होने वाले परिवर्तन की वजह से कुछ ऐसी संक्रामक बीमारियों का असर दिखने लगता है जिसमें चेचक, पीलिया, मियादी ज्वर आदि शामिल हैं। डॉक्टरी इलाज के साथ लोग श्री श्री शीतला माता का धोक लेते हैं, ताकि वे बीमारी से उबर सकें। दूसरी वजह यह है कि गर्मी की शुरुआत से पहले माताओं को स्नान करा के उनसे शीतल रहने और वातावरण को शीतल रखने की प्रार्थना की जाती है। यह आयोजन कितने सालों से हो रहा है। इसे लेकर स्थानीय निवासी सुरेश कुमार भुवालका ने मंदिर संचालकों से जो जानकारी हासिल की। उसके मुताबिक सन् 1539 से इस स्नानयात्रा के आयोजित होते रहने की पुष्टि हुई है।
पालकी में सवार होंगी मां
मंदिर सूत्रों के मुताबिक इस बार पूर्णिमा का शुभारंभ 23 फरवरी को दोपहर 3.30 बजे हो रहा है। यहां की ‘बड़ी माँ ‘ सलकिया अरविंद रोड स्थित अपने मंदिर से पालकी में सवार होकर निकलेंगी और हमेशा से निर्धारित मार्गों का भ्रमण करते हुए बांधाघाट गंगातट पर स्नान कर पुनः अपने मंदिर में वापस लौटेंगी। इस बार विविध बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने परीक्षार्थियों की सुविधार्थ विशेष प्रबंध किए हैं और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे परीक्षार्थियों के आवागमन में अपना पूरा सहयोग दें।