सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : महानगर समेत जिलों मेें जहां एक ओर पिछले कुछ दिनों से जारी गर्मी के बीच बिजली गुल होने से आम लोग बेहाल हैं तो वहीं पानी की किल्लत भी एक बड़ी समस्या बन कर सामने आयी है। महानगर के विभिन्न इलाकों में इन दिनाें पेयजल की समस्या देखी जा रही है।
उत्तर की तुलना में दक्षिण कोलकाता में पानी की अधिक किल्लत
उत्तर की तुलना में दक्षिण कोलकाता के टालीगंज और जादवपुर जैसे इलाके में पीने के पानी की समस्या सबसे अधिक है। आरोप है कि टालीगंज के कई इलाकों में पीने का पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। उस इलाके में कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 95 के सुकांतपल्ली, अरविंदनगर, समाजगढ़ क्षेत्र में पीने के पानी की किल्लत हो गई है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि आम लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है। स्थानीय पार्षद तपन दासगुप्ता ने पेयजल संकट को स्वीकार करते हुए कहा कि यहां पानी की समस्या है। जल्द ही इलाके में बूस्टर पंपिंग स्टेशन के जरिये इस समस्या का समाधान किया जायेगा। स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि गर्मी में पीने के पानी की मांग बढ़ने से पानी का प्रेशर कम हो गया है।
जादवपुर के इन वार्डों का हाल है बेहाल
जादवपुर के वार्ड नंबर 103, 106 और 109 में भी कुछ ऐसा ही हाल है। जादवपुर के विधायक व एमएमआईसी देवब्रत मजूमदार ने कहा कि इन तीनों वार्डों में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या हो गई है। समस्या के समाधान के लिए नगर निगम द्वारा बूस्टर पम्पिंग स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। टालीगंज के विभिन्न इलाकों में पेयजल की समस्या के समाधान को लेकर बुधवार को विधायक व मंत्री अरूप विश्वास ने नगर निगम के प्रतिनिधि व जल आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।
मध्य कोलकाता में भी है पानी की समस्या
न केवल दक्षिण कोलकाता में, बल्कि विशेष रूप से मध्य कोलकाता के वार्ड नंबर 48 के विभिन्न हिस्सों में पीने के पानी की मांग बढ़ गई है। स्थानीय पार्षद बिस्वरूप दे ने कहा कि मैंने पांच महीने पहले नगरपालिका विधानसभा में अपने वार्ड में पीने के पानी की समस्या के बारे में बात की थी। नगर निगम के जलापूर्ति विभाग ने इलाके में पाइप लाइन डालने का आश्वासन दिया लेकिन आज तक नहीं किया गया। उस विभाग के एक आला अधिकारी ने कहा कि इस असहनीय गर्मी में आम लोग कई बार नहा रहे हैं। हर कोई पानी का ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है। नतीजतन, इस दौरान पीने के पानी की मांग बहुत बढ़ गई है। जो अब तक का रिकॉर्ड है।