शुभेंदु का आरोप है कि जबरन लिखवाया गया था पत्र
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सारधा चिटफंड के प्रमुख सुदीप्त सेन के लिखे गए पत्र को अदालत ने जांच के लिए सीबीआई के पास भेजे जाने का आदेश दिया है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष के एडवोकेट अयन चक्रवर्ती की तरफ से दायर मामले की सुनवायी के बाद सिटी सेशन कोर्ट ने यह आदेश दिया है। इधर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने अदालत के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे मामले का खुलासा हो जाएगा।
सुदीप्त सेन ने कांथी नगरपालिका के मामले में प्रेसिडेंसी जेल से यह पत्र सीबीआई को भेजा था। यहां गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि यह पत्र सुदीप्त सेन से जबरन लिखवाया गया था। शुभेंदु ने कहा कि इससे यह पता चल जाएगा किससे यह पत्र लिखवाया गया था। अदालत के इस आदेश के बाद ही कुणाल घोष ने कहा कि सुदीप्त सेन ने कांथी नगरपालिका को जो ड्राफ्ट दिया था वह तो पहले ही साबित हो चुका है। इसके साथ ही कहा कि शुभेंदु सत्तारूढ़ दल के नेता हैं इसलिए जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार की पुलिस शुभेंदु को गिरफ्तार कर के जांच करती है तभी पूरे मामले का खुलासा हो सकता है। इसके जवाब में शुभेंदु ने कहा कि जिन्होंने साढ़े तीन साल जेल में गुजारा था उन्होंने ही इस पत्र को लिखवाया था। इस पत्र में आरोप है कि सुदीप्त सेन ने कांथी नगरपालिका को पचास लाख रुपए का ड्राफ्ट दिया था। इसके साथ ही इस पत्र में और भी लेनदेन की बात कही गई है
अदालत ने सुदीप्त के पत्र को भेजा CBI जांच के लिए
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