बड़ा खुलासा : चीन में बैठकर महानगर में कर रहे हैं साइबर फ्रॉड | Sanmarg

बड़ा खुलासा : चीन में बैठकर महानगर में कर रहे हैं साइबर फ्रॉड

कोलकाता : दुबई में बैठकर साइबर ठगों का एक गिरोह महानगर सहित देश के विभिन्न राज्यों में शेयर ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी कर रहे हैं। यही नहीं गिरोह के सदस्य ठगी की रकम को चीन भेज देते हैं। महानगर में सक्रिय एक ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय गिरोह का कोलकाता पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाने के अधिकारियों ने गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के नाम इंद्रनील साहा, मो. इमरान हसन, जॉबीन फ्रांसिस थोमस, अमरोज आलम, सौर्यजीत घोष, अभिजीत माझी और शौभिक साहा हैं। अभियुक्तों के पास से 59 भारतीय एटीएम कार्ड, 10 मोबाइल फोन, 29 चेकबुक, 9 फर्जी कंपनियों के स्टैंप, एक दुबई का एटीएम और एक दुबई का एटीएम कार्ड जब्त किया गया। पुलिस की टीम ने अभियुक्तों को विधाननगर के नारायणपुर इलाके से पकड़ा है। पुलिस के अनुसार इस गिरोह का सरगना केरल का रहनेवाला जॉबीन फ्रांसिस थॉमस है। वह ठगी की रकम को बैंक अकाउंट से ट्रांसफर कर क्रिप्टोकरेंसी खरीदता था। इसके बाद उक्त क्रिप्टोकरेंसी को चीन में बैठे अपने आकाओं को सप्लाई करता था। गुरुवार को अभियुक्तों को अदालत में पेश करने पर उन्हें 26 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार गत 22 अप्रैल को रासबिहारी एवेन्यू के रहनेवाले सोहम भट्टाचार्य ने कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाने में 25 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज करायी। युवक ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे कुछ दिनों पहले एक वाट्स ऐप ग्रुप में जोड़ा गया। उक्त ग्रुप में उसे अंतरराष्ट्रीय शेयरों में नामी इंवेस्टमेंट कंपनी के माध्यम से निवेश करने के लिए कहा गया। जालसाजों की तरफ से वाट्स ऐप ग्रुप में लेक्चर का आयोजन किया गया। लेक्चर के जरिए युवक को भरोसा दिलाया गया की निवेश करने पर उसे करोड़ों रुपये का मुनाफा होगा। पीड़ित युवक के पिता एक नामी आईटी कंपनी के कर्मचारी थे और उसकी मां एक स्कूल में शिक्षिका के तौर पर काम करती थी। जालसाजों की बातों में आकर युवक ने 25 लाख रुपये निवेश कर दिया। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि ठगी के 8 लाख रुपये टॉबीन रोड स्थित एक सरकारी बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर हुआ था। 11.50 लाख रुपये एक सरकारी बैंक के ढाकुरिया ब्रांच में शामिल हुआ था। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि इंद्रनील साहा नामक व्यक्ति का मोबाइल नंबर उक्त अकाउंट से लिंक है।

वहीं जॉबीन फ्रांसिस थॉमस उक्त सिम को अपने मोबाइल में इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा मो. इमरान हसन भी जॉबीन थॉमस से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने इमरान का पीछा करते हुए जॉबीन फ्रांसिस थॉमस और उसके 5 साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार जॉबीन फ्रांसिस थॉमस राज्य के विभिन्न जिलों से म्यूल अकाउंट एकत्रित करता था। उसके बाद ठगी की रकम पहले उक्त अकाउंट में ट्रांसफर करता था। बाद में बैंक अकाउंट के रुपये से क्रिप्टो करेंसी खरीदकर उसे चीन में भेज दिया करते थे। फिलहाल पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ कर उनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

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