चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने दिया आदेश
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : भाजपा नेताओं का घेराव किए जाने के तृणमूल कांग्रेस के कार्यक्रम पर हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया। चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्या के डिविजन बेंच ने इस बाबत दायर पीआईएल पर सुनवायी के बाद सोमवार को यह आदेश दिया। चीफ जस्टिस ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी शर्त पर घेराव नहीं किया जा सकता है। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने यह पीआईएल दायर की है।
चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवायी शुरू होते ही एडवोकेट जनरल एस एन मुखर्जी से सवाल किया कि घेराव के इस मामले में प्रशासन और पुलिस स्तर पर क्या कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही हैरानी जतायी कि इस तरह के कार्यक्रम की घोषणा कैसे की जा सकती है। चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि अगर कोई हाई कोर्ट का घेराव करने का एलान कर दे तो क्या प्रशासन और पुलिस खामोशी के साथ बैठा रहेंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम समझते हैं कि यह एक राजनीतिक मामला है और आप अपनी राजनीतिक लड़ाई लड़ते रहिए, लेकिन जनता को उसके हाल पर छोड़ दीजिए। एडवोकेटों को अपने काम पर आने दीजिए। आप पूरी व्यवस्था को स्तब्ध कर देना चाहते हैं। राज्य सरकार की इस दलील पर कि कोई प्रभावित नहीं होगा तो चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या आप यह कहना चाहते हैं कि अगर दो हजार लोग किसी स्थान का घेराव करते है तो आम लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि कोई संवैधानिक प्रमुख भला कैसे इस पर सहमत नहीं हो सकता है। क्या आप यह कहते हैं कि इस तरह के बयान को एक किनारे कर दिया जाना चाहिए। यहां गौर तलब है कि 21 जुलाई को सांसद एवं तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने घेराव की जाने की अपील की थी। इसके साथ ही चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने घेराव के कार्यक्रम पर स्टे लगाए जाने का आदेश दिया।
भाजपा नेताओं का घेराव किए जाने पर लगी रोक
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