देश के प्रमुख 60 शहरों के बीच जल्द चलेंगी लोकल ट्रेनों की जगह वंदे मेट्रो ट्रेनें | Sanmarg

देश के प्रमुख 60 शहरों के बीच जल्द चलेंगी लोकल ट्रेनों की जगह वंदे मेट्रो ट्रेनें

रफ्तार मेल व एक्सप्रेस जैसी और किराया लोकल ट्रेन के समान ही होगा
अंजलि भाटिया
नयी दिल्ली : रेलवे जल्द ही दैनिक यात्रियों की सुविधा को देखते हुए देश के प्रमुख 60 शहरों के बीच लोकल ट्रेनों (मेमू ट्रेनों) की जगह वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने जा रही है। लोकल ट्रेनों को हटाकर चलायी जा रहीं इन वंदे मेट्रो ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रतिघंटा (मेल व एक्सप्रेस के बराबर) होगी और इनका किराया भी लोकल ट्रेन के समान ही होगा।
600 वंदे मेट्रो कोच तैयार करने का लक्ष्य
रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया 60 वंदे मेट्रो ट्रेन के परिचालन के लिए रेलवे ने अगले वित्तीय वर्ष में 600 वंदे मेट्रो कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक ट्रेन में कम से कम 10 कोच होंगे। हालांकि इन कोचों की संख्या घटायी या बढ़ायी जा सकती है। हर कोच में यात्रियों के बैठने के लिए 100 सीट होंगी जबकि 200 यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे। रेलवे का उद्देश्य यात्रियों को वंदे मेट्रो के जरिये महानगरों, उप नगरीय शहरों व बड़े शहरों के बीच सुविधाजनक और तेज रेल संपर्क उपलब्ध कराना है।
औसत रफ्तार 65 किलोमीटर होगी
वंदे मेट्रो की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी जबकि कमर्शियल गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसकी औसत रफ्तार लगभग 65 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। अधिकारी ने बताया की वर्तमान में मेल/एक्सप्रेस ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर चलायी जा रही हैं लेकिन उनकी औसत रफ्तार 55 किलोमीटर प्रति घंटा है। वंदे मेट्रो ट्रेन 100 से 300 किलोमीटर की छोटी दूरी के बीच चलायी जायेगी।
हटायी जायेंगी तीन हजार पैसेंजर ट्रेनें
रेलवे मौजूदा तीन हजार पैसेंजर ट्रेनों को हटा कर उसके स्थान पर वंदे मेट्रो ट्रेन चलायेगा। वंदे मेट्रो ट्रेनों में आधुनिक सुविधाओं का खास ध्यान रखा गया है। इन ट्रेनों में आरामदायक (रेक्लाइनिंग) सीट, ऑटोमेटिक दरवाजे, बायो टॉयलेट और अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली उपलब्ध होगी। इन ट्रेनों में इमरजेंसी टॉक बैक की सुविधा होगी जिससे यात्री ट्रेन ड्राइवर से बात कर सकते हैं। और हर कोच में दिव्यांगों के लिए ह्वीलचेयर की सुविधा भी होगी। पहली वंदे मेट्रो ट्रेन गुजरात के सूरत और अहमदाबाद के बीच शुरू हो चुकी है। इसे 16 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

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