शहादत के 56 साल बाद होगा जवान का अंतिम संस्कार | Sanmarg

शहादत के 56 साल बाद होगा जवान का अंतिम संस्कार

सियाचिन ग्लेशियर के पास मिला वायुसेना जवान का शव

सहारनपुर ः उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नानौता क्षेत्र के रहने वाले वायु सेना के एक जवान का शव 56 साल बाद सियाचिन ग्लेशियर के पास से बरामद होने के बाद गुरुवार को उनके गांव पहुंचेगा। नानौता थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के निवासी मलखान सिंह वायु सेना में थे। वह सात फरवरी 1968 को हिमाचल प्रदेश के सियाचिन ग्लेशियर के पास सेना के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में शहीद हो गये थे। इस हादसे में 100 से अधिक जवान शहीद हुए थे।

बर्फीले पहाड़ होने के कारण घटना के फौरन बाद शवों की बरामदगी भी नहीं हो पाई थी। वर्ष 2019 तक 5 ही शव मिले थे और हाल में 4 शव और बरामद हुए थे।

माता-पिता, पत्नी, बेटा सबका निधन हो चुका : मलखान के छोटे भाई ईसम सिंह ने बताया कि मलखान 20 साल की उम्र में वायुसेना में चयनित हुए थे और 23 साल की आयु में शहीद हो गये थे। उनके परिवार में पत्नी शीला देवी और डेढ़ साल का बेटा राम प्रसाद थे। जब मलखान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा तो उनकी पत्नी और बेटा दोनों ही उन्हें अंतिम बार देखने के लिए वहां नहीं होंगे क्योंकि दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं।

1968 में विमान दुर्घटना ः वायुसेना का विमान एएन-12 वर्ष 1968 में 102 जवानों को लेकर जा रहा था, हिमाचल के रोहतांग में बर्फ से ढके पहाड़ों पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। शहीदों में शामिल मलखान का शव सेना की टीम ने हाल ही में बरामद किया है।

एएन-12 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के लगभग 56 साल बाद चार जवानों के पार्थिव अवशेष बरामद किए गए। यह 102 लोगों को ले जा रहा ट्विन-इंजन टर्बोप्रॉप परिवहन विमान सात फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरते समय लापता हो गया था। एक अधिकारी ने बताया, ‘जवानों के शव और विमान का मलबा दशकों तक बर्फीले इलाके में दबा रहा। वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने मलबे की खोज की। इसके बाद भारतीय सेना, विशेष रूप से डोगरा स्काउट्स द्वारा कई वर्षों तक कई अभियान चलाए गए। खतरनाक परिस्थितियों और दुर्गम इलाका होने की वजह से साल 2019 तक केवल पांच शव ही बरामद किए गए थे।

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