अलीराजपुर : मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक ही परिवार के पांच सदस्य घर के अंदर फांसी के फंदे पर लटके हुए पाए गए हैं। खास बात ये है कि यह मामला दिल्ली के उस बुराड़ी मास सुसाइड केस जैसा है, जो 6 साल पहले 1 जुलाई के ही दिन सामने आया था. एक ही दिन और मरने का एक जैसा ही तरीका होने से मध्य प्रदेश के मामले में भी तंत्र-मंत्र को कारण माना जा रहा है। हालांकि फिलहाल पुलिस कुछ भी नहीं कह रही है। मध्य प्रदेश पुलिस ने पांचों शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सारे सबूतों की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह बताया जा सकेगा कि यह हत्या है या आत्महत्या।
मरने वालों में पति-पत्नी और 3 बच्चे शामिल
यह भयानक घटना अलीराजपुर जिले के सोंडवा थाना इलाके रावड़ी गांव में सामने आया है। मृतकों की पहचान घर के मुखिया राकेश, उसकी पत्नी ललिता, बेटी लक्ष्मी और दो बेटों अक्षय व प्रकाश के तौर पर की गई है। मौके पर पहुंचे रिश्तेदारों ने इसे आत्महत्या के बजाय हत्या का मामला बताया है, जिसके चलते पुलिस ने हर एंगल से जांच शुरू कर दी है। अलीराजपुर के एसपी राजेश व्यास खुद मौके पर पहुंचे हैं और फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल की जांच की है। एसपी मृतकों के सभी रिश्तेदारों से खुद बातचीत कर रहे हैं।
काका के घर पहुंचने पर लटके मिले शव
राकेश और उसके परिवार की आत्महत्या की जानकारी सोमवार सुबह उस समय लगी, जब उसके काका घर पहुंचे। घर में शव लटके देखकर उन्होंने सभी को जानकारी दी। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया है कि राकेश ने कभी किसी ऐसी परेशानी का जिक्र नहीं किया, जिसके चलते उन्हें सुसाइड करनी पड़े।
बुराड़ी में भी ऐसी ही लटके मिले थे परिवार के 10 लोग
दिल्ली के बुराड़ी में भी 6 साल पहले 1 जुलाई, 2018 को इसी तरह एक ही परिवार के 10 लोगों के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले थे। भाटिया परिवार के नाम से पहचाने जाने वाले चुंडावत परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य दादी की गला घोंटकर हत्या की गई थी। सबने 30 जून, 2018 की रात को ठीक 12 बजे आत्महत्या की थी। 1 जुलाई की सुबह उनके शव मिले थे। दिल्ली पुलिस ने लंबी जांच के बाद दावा किया था कि परिवार के मुखिया ललित भाटिया ने तंत्र-मंत्र के एक खास अनुष्ठान के तहत परिवार के सभी सदस्यों को फांसी पर लटकने के लिए मजबूर किया था।