अयोध्या: रामनवमी के अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में दोपहर ठीक 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला का सूर्य तिलक संपन्न हुआ। इस अलौकिक और भव्य दिव्य सूर्य तिलक का 100 एलईडी स्क्रीन से पूरे अयोध्या में लाइव टेलिकास्ट किया गया। रामलला के सूर्य तिलक को देखने के लिए लाखों भक्त अयोध्या में उमड़े हैं। स्टेशन से लेकर रामजन्म भूमि तक भक्तों की कतार लगी हुई है। 500 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं।
अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद ये पहली रामनवमी है। इस कारण इस बार रामनवमी पर सूर्य की किरणों से उनका अभिषेक किया जा रहा है। सूर्य की किरणें ठीक 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला के ललाट पर पड़ी। करीब 3 मिनट तक सूर्य किरणों ने रामलला के मस्तक पर 75 मिमी के आकार का गोल तिलक किया। सूर्य की किरणें तीसरी मंज़िल से गर्भगृह में विराजमान रामलला तक पहुंची। इसके लिए वैज्ञानिकों ने खास तैयारी की।
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पीएम मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के सूर्याभिषेक के मौके पर जय श्रीराम के नारे लगाए। उन्होंने दुनियाभर के रामभक्तों से आग्रह किया था कि वे इस अद्भुत क्षण के साक्षी जरूर बनें। पीएम मोदी ने कहा कि दिव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है, जिसमें प्रभु श्रीराम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवसर भी आया है। दुनियाभर के राम भक्तों से मेरा आग्रह है कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें।
दिव्य-भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है, जिसमें प्रभु श्री राम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवसर भी आया है। दुनियाभर के राम भक्तों से मेरा आग्रह है कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें। https://t.co/jBw1J0GMOY
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2024
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, रामलला को छप्पन भोग लगाया गया। आज रामनवमी का मेला है। भक्त प्रार्थना कर रहे हैं और आज सब कुछ विशेष है। उन्होंने बताया कि सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया। मंदिर में आरती की गई। सूर्य तिलक के बाद कुछ देर के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया।
इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। बुधवार सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक, यानी 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे।
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