नई दिल्ली : इस साल माॅनसून सामान्य तारीख से एक दिन पहले ही केरल दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, 31 मई को माॅनसून केरल पहुंचेगा। वैसे केरल में मानसून आने की सामान्य तारीख 1 जून है। मौसम विभाग ने बुधवार देर रात यह अनुमान जारी किया। घोषित तारीख में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रखी गई है। यानी माॅनसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है। विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में अंडमान सागर और द्वीप समूह पर माॅनसून के दो दिन पहले यानी 19 मई को ही पहुंचने की संभावना है, जबकि वहां दस्तक देने की सामान्य तारीख 21 मई है। पिछले साल भी माॅनसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून को पहुंचा था।
मॉनसून पहुंचने की तारीखें काफी अलग
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में माॅनसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था। बीते चार साल की बात करें तो 2020 में मानसून 1 जून को, 2021 में 3 जून को, 2022 में 29 मई को और 2023 में 8 जून को केरल पहुंचा था।
इस बार ला नीना से अच्छी बारिश का अनुमान
क्लाइमेट (जलवायु) के दो पैटर्न होते हैं, अल नीनो और ला नीना। पिछले साल अल-नीनो सक्रिय था, जबकि इस बार अल-नीनो परिस्थितियां इसी हफ्ते खत्म हुई हैं और संभावना बन रही है कि तीन से पांच हफ्तों में ला-नीना परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी। पिछले साल अल-नीनो के समय सामान्य से कम 94% बारिश हुई थी। 2020 से 2022 के दौरान ला-नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109%, 99% व 106% बारिश हुई थी।
जानें ला नीना और अल नीनो क्या होते हैं
अल नीनो: इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है।
ला नीना: इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। इसका दुनियाभर के मौसम पर असर पड़ता है। आसमान में बादल छाते हैं और अच्छी बारिश होती है।