कोलकाता : भारत, अमेरिका और कनाडा में हर साल मई के महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। अमेरिका में मदर्स डे की शुरुआत एना जार्विस ने की थी। एना एक अमेरिकन एक्टिविस्ट थी। उन्हें अपनी मां से बहुत लगाव था। जार्विस अपनी मां के साथ ही रहती थी और उन्होंने कभी शादी भी नहीं की थी। मां के गुजर जाने के बाद एना ने मां के प्रति प्यार और सम्मान जताने के लिए मदर्स डे की शुरूआत की थी, तभी से हर साल मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।
मदर्स डे पहली बार कब मनाया गया था
मातृत्व दिवस को मनाने की शुरुआत औपचारिक रूप से 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी। उस समय अमेरिकी संसद में कानून पास करके हर साल मई के महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का फैसला लिया गया था। यूरोप और ब्रिटेन में कई प्रचलित परम्पराएं हैं, जहां ईस्टर संडे के 3 सप्ताह पहले महीने के चौथे रविवार का दिन मां के सम्मान में मनाया जाता हैं, जिसे मदरिंग सन्डे कहा जाता है। यूरोप में इस दिन को मदरिंग संडे कहा जाता है, तो वहीं ईसाई समुदाय से जुड़े बहुत लोग इस दिन को वर्जिन मेरी के नाम से भी पुकारते हैं।
मदर्स डे से जुड़ी एक कहानी यह भी है कि मातृत्व दिवस मनाने की शुरुआत पुराने ग्रीस से हुई है स्य्बेले जो ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में ही मातृ दिवस मनाया जाता है।
12 मई को मनाया जाएगा मदर्स डे
मदर्स डे मां के प्रति अपना प्यार, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। एक मां का आंचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। मां का प्यार अपने बच्चे के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि वो अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है। मां के बिना ये दुनिया सचमुच अधूरी है। इस साल 12 मई को मदर्स डे सेलिब्रेट किया जा रहा है।