बेंगलुरु: ISRO ने भारत का पहला सूर्ययान आदित्य-L1 को लॉन्च कर दिया है। इसे PSLV XL रॉकेट की मदद से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। बता दें कि इस स्पेसक्राफ्ट को अपनी तय जगह पर पहुंचने में 125 दिन लगेंगे यानी करीब 4 महीने बाद पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर पहुंचेगा। सूर्य और पृथ्वी के बीच इस प्वाइंट को L-1 कहा जाता है। बता दें कि आज यानी शनिवार (02 सितंबर) सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर इसे लॉन्च किया गया है।
आदित्य-एल1 सूर्य से निकलने वाली किरणों के बार में जानकारियां जुटाएगा। इसे सूर्य और पृथ्वी के बीच में L1 प्वाइंट (सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन बिंदु) पर रखा जाएगा। इसे पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के एल1 प्वाइंट की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इस प्वाइंट की खासियत है कि यहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बेअसर रहते हैं, जिसके चलते वस्तुएं इस जगह पर रह सकती हैं। इसे सूर्य और पृथ्वी के अंतरिक्ष में पार्किंग प्वाइंट भी कहा जाता है। बता दें कि इस मिशन की मदद से सौर वायुमंडल के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
आदित्य- L1 इन चुनौतियों का करेगा सामना
आदित्य-L1 अपनी यात्रा की शुरुआत लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) से कर चुका है। इसके बाद यहां से यह धरती के चारों तरफ 16 दिनों तक पांच ऑर्बिट मैन्यूवर करके सीधे धरती की गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्र यानी स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस (SOI) से बाहर जाएगा। यहां से आदित्य-L1 को हैलो ऑर्बिट (Halo Orbit) में डाला जाएगा। जहां पर L1 प्वाइंट होता है। आदित्य-L1 को दो बड़े ऑर्बिट में जाना है, इस वजह से यह यात्रा बेहद कठिन है।
कितना है आदित्य-L1 का वजन ?
जानकारी के मुताबिक आदित्य-L1 का वजन 1480.7 किलोग्राम है। लॉन्च होने के 63 मिनट बाद ही यह रॉकेट से अलग हो जाएगा। इसके अलावा 25 मिनट के बाद यह आदित्य को तय कक्षा में पहुंचा देगा। इसरो द्वारा इस सैटेलाइट में सात पेलोड भेजे जा रहे हैं, इनमें से 4 सूरज का अध्ययन करेंगे और बाकी एल-1 पॉइंट को समझेंगे। इन सभी पेलोड से कोरोनल तापमान, मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर, अंतरिक्ष का मौसम, सूरज के आसपास के कण और उसके बारे में जानकारी मिलेगी।