कोलकाता : 14 अगस्त की देर रात महानगर में महिलाओं की रात दखल अभियान के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की घटना के दौरान कोलकाता पुलिस की भूमिका पर कई सवाल खड़े किये गये थे। इस बीच घटना के पीछे अपने असेसमेंट फेल्योर की बात खुद कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि हम आकलन नहीं कर पाए थे कि एक शांतिपूर्वक निकाली गयी लोगों की रैली अचानक इतनी हिंसक हो जाएगी। संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत में पुलिस कमिश्नर ने दो वीडिया दिखाये। इनमें एक वीडियो एक मिनट 28 सेकेंड और दूसरा एक मिनट 8 सेकेंड का था। वीडियो में देखा गया कि कैसे प्रदर्शनकारियों ने पहले पुलिस बैरिकेड को तोड़ा और फिर कैसे अंदर घुसकर तांडव मचाया। उन्होंने कहा कि जब जनता स्वतःस्फूर्त एकत्रित होती है, कोई नेता न हो तो नियंत्रण करना मुश्किल होता है। उन्होंने आगे कहा कि आरजी कर के सामने आंदोलन अचानक हिंसक हो जाएगा, इसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। हम अपनी सोच में गलत थे। आप इसे हमारी विफलता कह सकते हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने उस दिन हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उस संदर्भ में सीपी ने कहा कि डीसीपी का सिर फटने पर हमारी फोर्स बिखर गई थी, इससे निपटने में समय लगता है। हम पर हमला किया गया। सीपी ने कहा कि वहां पर पुलिसकर्मियों की तैनाती सीमित संख्या में थी। वहीं उपद्रवी भीड़ हजारों की संख्या की में थी। सीपी ने कहा कि इस घटना से जुड़े किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी राजनीतिक रंग देखकर नहीं होगी। इस घटना में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 9 लोगों की तस्वीर सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा की गयी पोस्ट से मिल रही है। बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।