अपनी परामर्श संस्थाओं के ग्राहकों की जानकारी साझा करें सेबी की चेयरपर्सन : हिंडनबर्ग | Sanmarg

अपनी परामर्श संस्थाओं के ग्राहकों की जानकारी साझा करें सेबी की चेयरपर्सन : हिंडनबर्ग

नयी दिल्ली : अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपंनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया कि बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड संरचना में अपने निवेश की पुष्टि की है। उन्हें अपने सभी परामर्श ग्राहकों के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए, जिनके साथ उनकी सिंगापुर और भारतीय परामर्श कंपनियों ने काम किया है। हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कई पोस्ट किए और कहा कि दंपत्ति के बयान में कई महत्वपूर्ण बातों को स्वीकार किया गया और इससे कई महत्वपूर्ण प्रश्न भी खड़े होते हैं। बुच के जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस के एक अस्पष्ट कोष में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है, साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किया गया पैसा भी। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि कोष उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे।
हिंडनबर्ग ने कहा, ‘‘ सेबी को अदाणी मामले से संबंधित निवेश निधियों की जांच करने का काम सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा व्यक्तिगत रूप से निवेशित निधियां और उसी प्रायोजक द्वारा निवेशित निधियां शामिल हैं जिन्हें हमारी मूल रिपोर्ट में विशेष रूप से उजागर किया गया था। यह स्पष्ट रूप से हितों का एक बड़ा टकराव है।’’
हिंडनबर्ग ने कहा कि बुच के बयान में यह भी दावा किया गया कि उन्होंने जो दो परामर्श कंपनियां स्थापित कीं, जिनमें भारतीय इकाई तथा सिंगापुरी इकाई शामिल हैं…वे 2017 में ‘‘ सेबी में उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद निष्क्रिय हो गईं ’’ और 2019 में उनके पति ने कार्यभार संभाल लिया। 31 मार्च 2024 तक की अपनी नवीनतम शेयरधारिता सूची के अनुसार, अगोरा एडवाइजरी लिमिटेड (इंडिया) का 99 प्रतिशत स्वामित्व अब भी माधबी बुच के पास है, न कि उनके पति के पास। यह इकाई वर्तमान में सक्रिय है और इससे राजस्व हासिल किया जा रहा है।’’ अमेरिकी कंपनी ने कहा कि इसके अलावा, सिंगापुर के रिकॉर्ड के अनुसार 16 मार्च 2022 तक अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में उनकी 100 प्रतिशत शेयरधारिता थी। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान वह इसकी मालिक रहीं। उन्होंने सेबी की चेयरपर्सन के रूप में अपनी नियुक्ति के दो सप्ताह बाद अपने शेयर अपने पति के नाम पर स्थानांतरित किए। बुच के बयान में पूर्ण पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता का वादा किया गया है। इसे देखते हुए क्या वह परामर्श ग्राहकों की पूरी सूची तथा सिंगापुरी परामर्श कंपनी, भारतीय परामर्श कंपनी और किसी अन्य संस्था के जरिये किए गए अनुबंधों का विवरण सार्वजनिक करेंगी, जिसमें उनका या उनके पति का हित हो सकता है?

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