अगर Petrol की बजाए Ethanol से चलेगी कार तो ऐसे होगी आपकी बचत? | Sanmarg

अगर Petrol की बजाए Ethanol से चलेगी कार तो ऐसे होगी आपकी बचत?

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इथेनॉल से चलने वाली कार पेश की है। टोयोटा की इस कार से पर्दा उठाते हुए नितिन गडकरी ने कहा है कि जैव ईंधन चमत्कार कर सकता है और पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाले पैसे बचेंगे। वहीं, इससे पेट्रोल पर बाइक चलाने वाले लोगों की बचत होगी। आपको बता दें कि इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल होता है, जो पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह उपयोग में आता है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्यत: गन्ने की फसल से होता है। बता दें कि नवंबर 2022 में सरकार ने इथेनॉल की कई वैरायटी पेश की और उसकी कीमतें बताई थीं।

49.41 रुपए लीटर कीमत

केंद्र सरकार के अनुसार सी हैवी मौलेसेस रूट से इथेनॉल की कीमत 49.41 रुपए/लीटर, बी हैवी मौलेसेस रूट से इथेनॉल की कीमत 60.73 रुपए प्रति लीटर और गन्ने के रस के सीरप रूट से इथेनॉल की कीमत 65.61 रुपए प्रति लीटर है। एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है।

यह भी जानें

एथेनॉल के यूज से कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन कम होता है। इसमें करीब 35 प्रतिशत की कमी आती है। इसके अलावा हवा में सल्फर डाइऑक्साइड भी घटता है। इतना ही नहीं एथेनॉल से हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन कम करने में मदद मिलती है।

विदेश में यहां प्रयोग

भारत में इथेनॉल उत्पादन क्षमता 1244 करोड़ लीटर है। एथेनॉल की मांग धीरे-धीरे बढ़ेगी तो इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इथेनॉल के इस्तेमाल से पेट्रोल पर होने वाला खर्च कम होगा। इससे चलने वाली गाड़ियां पर्यावरण के अनुकूल होंगी। अमेरिका, ब्राजील में इथेनॉल का इस्तेमाल किया जाता है।

2860 लीटर पानी चाहिए

इथेनॉल एक तरह का ईंधन ही है, जिसे पेट्रोल के महंगे होने और प्रदूषण कम करने के लिए विकल्प के रूप में बनाया गया है। इथेनॉल पर्यावरण के लिए बेहतर है। इससे पेट्रोल पर आने वाला खर्च कम होता है। भारत में इथेनॉल गन्ने के गुड़ का उपयोग कर बनता है। बता दें कि एक लीटर इथेनॉल के लिए 2,860 लीटर पानी की जरूरत होती है।

 

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