कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के मृत ट्रेनी डॉक्टर के माता पिता ने हाई कोर्ट में रिट दायर की है। यहां गौरतलब है कि इस ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। माता पिता को सीबीआई जांच की मौजूदा रीति और गति पर भरोसा नहीं रह गया है। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने कहा है कि कोर्ट आगे की जांच (फर्दर इंवेस्टिगेशन) की मॉनिटरिंग करेगा। इसके साथ ही आदेश दिया है कि 24 दिसंबर को इस रिट पर विस्तृत सुनवायी की जाएगी।
जस्टिस घोष ने कहा है कि हाई कोर्ट इस मामले के चल रहे ट्रायल में कोई दखल नहीं देगा। पर सीबीआई का फर्दर इंवेस्टिगेशन किस तरह चल रहा है इसकी मॉनिटरिंग करेगा।यहां गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट में सप्लिमेंटरी चार्जशीट नहीं दाखिल करते हुए कहा गया है कि फर्दर इंवेस्टिगेशन जारी है। जस्टिस घोष ने इस मामले में सीबीआई को पार्टी बनाये जाने का आदेश दिया है। माता पिता की तरफ से दायर रिट में कहा गया है कि सीबीआई ने जांच की बहुत सी दिशा की अनदेखी की है। बहुत से गवाहों का बयान नहीं लिया गया है। मां ने मीडिया से कहा कि उनका बयान भी नहीं लिया गया है। जस्टिस घोष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच की मॉनिटरिंग कर रहा है। यदि परिवार के किसी व्यक्ति को जांच की गति को लेकर एतराज या शक है तो हाई कोर्ट इसकी मॉनिटरिंग कर ही सकता है। जस्टिस घोष ने कहा कि चल रहे फर्दर इंवेस्टिगेशन के बाबत हर 15 दिनों पर रिपोर्ट तलब की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस बाबत वे विस्तृत आदेश 24 दिसंबर को होने वाली सुनवायी में देंगे। सीबीआई की तरफ से कहा गया कि जांच की प्रगति के बाबत अभी तक आठ रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है। जस्टिस घोष ने आदेश दिया है कि फर्दर इंवेस्टिगेशन से जुड़े सारे दस्तावेज 24 दिसंबर को होने वाली सुनवायी में पेश किया जाए। सियालदह के ट्रायल कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व अध्यक्ष संदीप घोष और टाला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत दे दी थी। सीबीआई इस मामले में 90 दिनों की वैधानिक अवधि में सप्लिमेंटरी चार्जशीट दाखिल नहीं कर पायी थी। यहां गौरतलब है कि घोष के खिलाफ सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और ओसी पर शव मिलने के बाद एफआईआर दर्ज करने में देर करने का आरोप लगा था। सीबीआई मुख्य अभियुक्त संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
आरजीकर मामले में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
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