कोलकाता: लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद बंगाल के कई हिस्सों में BJP कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है। इस घटना को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस को उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। राजनीतिक हिंसा से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आज गुरुवार(06 जून) को चुनाव बाद हिंसा को तत्काल रोकने का आदेश दिया। इसके लिए राज्य पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ममता सरकार ने मांगा समय
न्यायमूर्ति कौशिक चंद और न्यायमूर्ति अपूर्ब सिन्हा की पीठ ने कहा कि बंगाल पुलिस को किसी भी कीमत पर चुनाव बाद हिंसा रोकनी होगी। जस्टिस चंद ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘हम मीडिया में चुनाव बाद हिंसा की घटनाएं देख रहे हैं। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।’ इस संदर्भ में राज्य के महाधिवक्ता ने चुनाव बाद हिंसा के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘ये बिल्कुल भी चुनाव बाद की हिंसा नहीं हैं। उन्होंने कोर्ट से सभी सबूतों सहित राज्य का बयान अदालत में पेश करने के लिए समय देने की मांग की है।
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DG को मेल भेजकर कर सकते हैं शिकायत- हाईकोर्ट
जस्टिस चंद ने ममता सरकार को राज्य के आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। कोर्ट के मुताबिक हिंसा में पीड़ित लोग डीजी को मेल भेजकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। डीजी ने स्थानीय थाने को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है ताकि सभी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दिया बयान
पिछले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार बीजेपी को बंगाल में कम सीटें मिलीं। बीजेपी सिर्फ 12 सीटों पर कब्जा कर पाई। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटें जीतीं थी। वहीं, इसबार तृणमूल को 29 सीटें मिलीं। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में BJP के लोगों पर हमला किया जा रहा है। इस घटना को लेकर बीजेपी प्रदेश सुकांत मजूमदार ने कहा कि BJP इस घटना पर चुप नहीं बैठेगी, जवाब देगी।