लाखों श्रद्धालुओं को होगा लाभ : मुड़ीगंगा ब्रिज के डीपीआर का काम अंतिम चरण में | Sanmarg

लाखों श्रद्धालुओं को होगा लाभ : मुड़ीगंगा ब्रिज के डीपीआर का काम अंतिम चरण में

कोलकाता : सीएम ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मुड़ीगंगा पर ब्रिज बनाना है। यह ब्रिज न केवल बंगाल के लिए अहम है ब​ल्कि गंगासागर में हर साल मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान करने के लिए देश दुनिया से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए भी अहम है। सागर द्वीप पर लॉट 8 और कचुबेरिया को जोड़ने वाला यह ब्रिज न केवल बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, बल्कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस ब्रिज को तैयार करने के लिए राज्य व केंद्र में कथित तौर पर लंबे समय तक तनातनी रही। आखिरकार जब कोई बात नहीं बन पायी तो इस बार गंगासागर दौरे के दौरान सीएम ने राज्य सरकार द्वारा इस ब्रिज को बनाने की घोषणा कर दी। पीडब्ल्यूडी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सन्मार्ग को बताया कि इस ब्रिज निर्माण के लिए डीपीआर का काम लगभग अंतिम चरण में है। जल्द ही इसका काम शुरू होने जा रहा है। हम आशा करते हैं कि इसी साल इसका काम शुरू हो जायेगा। उल्लेखनीय है कि सीएम ममता ने कहा था कि केंद्र को कई बार पत्र दिया गया लेकिन पत्र का जवाब नहीं मिला। अब ऐसे में राज्य सरकार खुद इस ब्रिज को तैयार करेगी। सीएम की इस घोषणा के बाद ही से विभागीय अधिकारी इस दिशा में तेजी आगे बढ़े हैं।

क्या है पूरी योजना, कितना होगा खर्च : इस योजना पर फिलहाल 1,200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है। मुड़ीगंगा नदी पर 3.1 किलोमीटर लंबा ब्रिज होगा। अगले 3 वर्षों के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य है। पहले वर्ष में 200 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन प्राप्त होगा। प्रस्तावित ब्रिज का उद्देश्य वार्षिक गंगासागर मेला तीर्थयात्रा के दौरान परिवहन चुनौतियों को कम करना, जहाज सेवाओं, श्रद्धालुओं द्वारा यातायात के लिए लंबे इंतजार को दूर करना मुख्य रूप से शामिल है। गंगासागर मेले में श्रद्धालुओं के लिए जलमार्गों पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। हर साला लाखों श्रद्धालु आते हैं और उन्हें घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है। नतीजतन, मुड़ीगंगा नदी पर पुल निर्माण की मांग लंबे समय से चल रही है। राज्य सरकार ने अब गंगासागर तीर्थयात्रियों के लिए ब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया में ते​जी ला दी है।

क्या कहना है स्थानीय विधायक व मंत्री का

सागर से विधायक और सुंदरवन विकास मंत्री बंकिम हाजरा ने कहा कि 2011 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे पहले मुड़ीगंगा नदी पर पुल बनाने की योजना बनायी। वित्तीय सहायता के लिए केंद्र सरकार को कई पत्र भेजे गए हैं लेकिन आश्वासन के बावजूद केंद्र ने मदद नहीं मिली। मुख्यमंत्री ने सागर द्वीप के निवासियों के साथ-साथ गंगासागर आने वाले तीर्थयात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस पुल के निर्माण का निर्णय लिया है।

 

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