टैब योजना में फर्जीवाड़ा केवल बंगाल की समस्या नहीं : मुख्यमंत्री | Sanmarg

टैब योजना में फर्जीवाड़ा केवल बंगाल की समस्या नहीं : मुख्यमंत्री

– टैब योजना में फर्जीवाड़ा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार दिया बयान

सिलीगुड़ी: टैब योजना में फर्जीवाड़ा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यह केवल पश्चिम बंगाल की समस्या नहीं है। महाराष्ट्र, राजस्थान व देश के अन्य राज्यों में भी अपराधियों ने ऐसी कई योजनाओं की राशि हाईजैक की है। ऐसा करने वाले गिरोह को हम लोग ही पकड़ पाए हैं। सो, हमारा प्रशासन स्ट्रांग है। रफ एंड टफ है। अब तक छह लोग पकड़े जा चुके हैं। उन सबके खिलाफ मुकदमा भी कायम किया गया है। आगे की जांच व कार्रवाई के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया है। आगे जो-जो करना होगा प्रशासन करेगा।

वह अपना पांच दिवसीय उत्तर बंगाल दौरा पूरा करने के बाद राजधानी कोलकाता लौटने के क्रम में शुक्रवार दोपहर बागडोगरा हवाई अड्डा पर संवाददाताओं से मुखातिब हुई। उनसे जब टैब योजना में फर्जीवाड़ा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उपरोक्त बातें कही। वहीं, यह भी कहा कि अब तक जो विद्यार्थी टैब की राशि नहीं पाए हैं उन सभी को राशि दे दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में टैब योजना में फर्जीवाड़ा कर गबन का मामला इन दिनों खूब चर्चा में है। इस पर राजनीति भी खूब हो रही है। इस योजना का मूल नाम “तरुण स्वप्न” योजना है। इसके तहत ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्मार्टफोन या टैबलेट यानी टैब खरीदने के लिए 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत सीधे लाभान्वित के बैंक खातों में ही राशि जमा की जाती है। मगर, कई लाभार्थियों ने बताया है कि उन्हें यह राशि नहीं मिली। उसकी जांच में पाया गया कि अनेक विद्यार्थियों की टैब की राशि उनके बैंक खातों की जगह अन्य धोखाधड़ी करने वालों के बैंक खाते में जमा हुई है।

पता चला है कि जालसाजों ने कथित तौर पर स्कूलों, शिक्षा विभाग और राज्य की ट्रेजरी के बीच डेटा ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान वैध छात्र बैंकिंग विवरणों के साथ छेड़छाड़ की या उन्हें अपने स्वयं के विवरण से बदल दिया। उत्तर बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों में ऐसे कई फर्जी बैंक खाते पाए गए हैं। पुलिस ने इसमें शामिल कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और घोटाले के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान करने के लिए फॉरेंसिक ऑडिट सहित आगे की जांच में जुटी हुई है। इधर, इस तरह के मामले ने सरकारी योजनाओं में लोगों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और उनके निष्पादन की दक्षता को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

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