बारिश के मौसम में मध्य और उत्तर कोलकाता के जर्जर मकान बने केएमसी के लिए सिरदर्द
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के बाद महानगर के मध्य और उत्तर कोलकाता के जर्जर मकान कोलकाता नगर निगम के लिए सिरदर्द बन गये हैं। आए दिन यहां से मकानों के जर्जर हिस्से के ढहने की खबरें आती हैं। इन इलाकों में कई मकान 50 सालों से भी पुराने हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए निगम की ओर से सभी विभागों के डीजी और मुख्य प्रबंधकों को आपातकालीन व्यवस्था के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। इस संबंध में बिल्डिंग विभाग की ओर से बताया गया कि ऐसी जर्जर इमारतोें के मालिक को नोटिस देने के बाद भी उनकी ओर कोई कदम नहीं उठाया जाता है और ना ही उन इमारतों में रहने वाले लोग इस ओर ध्यान देते है। यह जानते हुए भी इन मकानों में रहना खतरे से खाली नहीं है, लोग अपनी जान की परवाह किए बिना इन घरों में रह रहे हैं। शहर में सबसे ज्यादा खतरनाक मकान उत्तर कोलकाता के बड़ाबाजार, अमर स्ट्रीट , मानिकतल्ला, श्यामपुकुर इलाके में हैं। यहां लगभग 100 इमारतें जर्जर हालत में हैं। यह इमारतें लगभग 50 साल से भी पुरानी हैं।
किराएदारों को ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट देने के बाद भी लोग नहीं हो रहे सजग
वहीं इस संबंध में विभाग की ओर से बताया गया कि निगम की ओर से बिना कोर्ट के आदेश के विभाग कोई मकान नहीं तोड़ सकता है, लेकिन विभाग की ओर से लोगोें के हित के लिए तमाम उपाय लाये गये हैं, जिससे उक्त मकान में रहने वाले किराएदारों को सहूलियत मिल सके। मालूम हो कि केएमसी की ओर से जो मकान जर्जर हालत में हैं और उसे मरम्मत की जरूरत है तो ऐसे में अब किरायेदार भी इसकी मरम्मत करवा सकते हैं। इसके लिये किरायेदारों को बिल्डिंग विभाग से मरम्मत की अनुमति लेनी होगी। कई बार ऐसा होता है कि जर्जर मकान में रहने वाले किरायेदारों को इस बात का डर होता है कि अगर मरम्मत हुई तो पहले वाली जगह उन्हें नहीं मिल पायेगी। ऐसा डर किरायेदारों के मन में ना रहे, इसके लिये केएमसी की ओर से पहले किरायेदारों को सर्टिफिकेट ऑफ ऑक्युपेंसी दिया जा रहा हे, बावजूद इसके लोग सजग नहीं हो रहे हैं।
बारिश के मौसम में महानगर के Extremely Vulnerable’ Buildings को …
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