मुख्यमंत्री के नाम पर फ्री मोबाइल रिचार्ज के बहाने ठगी की कोशिश! | Sanmarg

मुख्यमंत्री के नाम पर फ्री मोबाइल रिचार्ज के बहाने ठगी की कोशिश!

कोलकाता : इन दिनों राज्य की मुख्यमंत्री के नाम पर फ्री मोबाइल रिचार्ज योजना वाले मैसेज वायरल हो रहे हैं। इन मैसेज को व्हाट्सऐप पर जमकर शेयर किया जा रहा है। मैसेज में लिखा है कि ‘फ्री मोबाइल रिचार्ज योजना’ के तहत सरकार देश के सभी लोगों को 28 दिन का फ्री रिचार्ज दे रही है। फ्री रिचार्ज पाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। लेकिन असल बात यह है कि सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही है यानी यह मैसेज स्कैमर्स का नया पैंतरा है और उस लिंक पर क्लिक करने से आपको बड़ा आर्थिक नुकसान तक हो सकता है। लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद यह मैसेज लोगों के मोबाइल फोन पर घूम रहा है। मैसेज देखकर फ्री रिचार्ज के लालच में लिंक पर क्लिक करते ही लोगों के अकाउंट से एक पल में रुपये गायब हो जा रहे हैं।

कोलकाता पुलिस ने साइबर ठगी के प्रति किया सतर्क

लोगों के मोबाइल पर आ रहे मैसेज में कहा गया है कि चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28 दिनों के लिए 239 रुपये का मुफ्त मोबाइल रिचार्ज दिया है। यह मौका इस साल 29 अक्टूबर तक उपलब्ध है। मैसेज में एक लिंक भी शेयर किया गया है। इस बिनामूल्य रिचार्ज के लिए उस लिंक पर जाने को कहा गया है। इधर कोलकाता पुलिस ने कहा है कि उक्त मैसेज फर्जी है। यह साइबर ठगी का नया तरीका है। अगर कोई उस लिंक पर क्लिक करता है तो उसके बैंक अकाउंट से रुपये गायब हो सकते हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत जानकारी भी हासिल की जा सकती है। इसको लेकर लोगों को आगाह किया गया है।

यहां उल्लेखनीय है कि महानगर में साइबर ठगी की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए कोलकाता पुलिस विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरुक कर रही है। सोशल मीडिया पर विभिन्न साइबर ठगी के प्रति वीडियो और कार्टून के जरिये लोगों को सतर्क किया जा रहा है।

ठगी का नया तरीका है मैसेज

दरअसल, यह मैसेज एकदम फर्जी है और ठगी का नया तरीका है। राज्य सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। अगर इस फॉरवर्डेड मैसेज को ठीक से पढ़ें तो इसमें कई सारी गलतियां भी नजर आती हैं जो इसके फर्जी होने का दावा पुख्ता करती हैं। मैसेज में कई जगह गलत लिखा हुआ है। आजकल साइबर फ्रॉड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिनमें पीड़ित से लिंक पर क्लिक करवाया जाता है और बैंक की जानकारी चुराकर लाखों की चपत लगाई जाती है। दरअसल, यह लिंक मैलिसियस फाइल से भरी होती हैं और जैसे ही कोई इन पर क्लिक करता है। स्कैमर्स डिवाइस को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं। स्कैमर्स आपके आधार, जन्मतिथि, फोन नंबर या फिर बैंक डिटेल जैसी जानकारी चुरा सकते हैं और आपको ठगी का शिकार बना सकते हैं। यदि आप ठगी से बचना चाहते हैं तो किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। साथ ही कोई भी थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने के लिए आधिकारिक ऐप स्टोर का ही इस्तेमाल करें। बैंक और ओटीपी की जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें।

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