कोलकाता : मंगलवार से राज्य के आलू व्यवसायियों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी हालांकि इसके पहले ही सोमवार को राज्य के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मान्ना ने उनके साथ खाद्यभवन में लगभग 3 घन्टों तक की बैठक की जो फेल रही। दोनों ही पक्ष ही बैठक के बाद अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाये। बैठक उपरांत पश्चिम बंगाल प्रोग्रेसिव आलू व्यवसायी समिति के सचिव लालू मुखर्जी ने कहा कि हमने बैठक में अपनी मांगों व समस्याओं को मंत्री के सामने रखा है। उन्होंने कहा है कि वह हमारे साथ हैं हालांकि हड़ताल को लेकर आपसी बैठक व विचार विमर्श कर हम आज आगे का निर्णय लेंगे। वहीं संगठन के अध्यक्ष जगबंधु मंडल ने कहा कि चूंकि बैठक के बाद कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है इस कारण हम अपने पूर्व निर्धारित योजना पर ही चलेंगे। उन्होंने कहा कि बाजार में आलू को लाने के लिए कोल्ड स्टोरेज से रात में ही आलू को निकाला जाता है और सुबह पहुंचाने के लिए तैयार किया जाता है। सोमवार की रात हम आलू बाहर नहीं निकालेंगे। उन्होंने कहा कि लगभग ढाई से तीन लाख मैट्रिक टन आलू है जो कि हम बाहरी राज्यों में भेजते हैं। यह वह आलू हैं जिसकी मांग बंगाल में नहीं है। इन आलू को नहीं भेजे से जाने से हमारे रुपये अटके पड़े हैं। आलू व्यवसाइयों ने दावा किया कि बंगाल की खपत के बाद भी जो आलू बचे हैं उसे ही हम बाहर भेजना चाहते हैं, जिन्हें नहीं पहुंचाये जाने पर वे नष्ट हो रहे हैं। मंत्री के साथ हुई इसदिन की बैठक के बाद आलू व्यवसायियों का यह रुख, उनके हड़ताल पर जाने की ओर ही इशारा करते हैं।
आलू का संकट : सरकार से बातचीत फेल
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