ट्रंप ने पनामा नहर वापस लेने की धमकी दी, पनामा के राष्ट्रपति ने जताई आपत्ति | Sanmarg

ट्रंप ने पनामा नहर वापस लेने की धमकी दी, पनामा के राष्ट्रपति ने जताई आपत्ति

हमारी नहर और हमारी संप्रभुता को लेकर हम सभी एकजुट : राष्ट्रपति मुलिनो

फीनिक्स : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने से पहले ही अपने तय एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया है। ट्रंप 20 जनवरी, 2025 को 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। ट्रंप ने एक साक्षात्कार में कहा है कि जब उनका दूसरा कार्यकाल शुरू होगा और उस दौरान यदि कुछ सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया तो वह पनामा नहर को अमेरिका को पूर्ण रूप से, शीघ्रता से और बिना किसी प्रश्न के वापस करने की मांग करेंगे। ट्रंप ने इसके पीछे तर्क दिया कि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली इस अहम नहर से गुजरने के लिए जहाजों से बेवजह शुल्क वसूला जाता है। ट्रंप के संबोधन के बाद पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने एक वीडियो जारी करके कहा कि नहर का प्रत्येक वर्ग मीटर पनामा का है और आगे भी उनके देश का ही रहेगा। मुलिनो ने कहा कि पनामा के लोगों के कई मुद्दों पर अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन जब हमारी नहर और हमारी संप्रभुता की बात आती है तो हम सभी एकजुट हैं।

चुनाव जीतने के तुरंत बाद किये थे तीन वादे : रिपब्लिकन पार्टी के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने यह टिप्पणी पांच नवंबर को चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली बड़ी रैली में की। एरिजोना में ‘टर्निंग प्वाइंट यूएसए अमेरिकाफेस्ट’ में समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास करेगा, अमेरिकी सीमाओं को सील करेगा और पश्चिम एशिया एवं यूक्रेन में युद्धों को तत्काल बंद कराएगा।

अमेरिका ने कराया था इस नहर का निर्माण : अमेरिका ने 1900 के दशक की शुरुआत में इस नहर का निर्माण किया था और उसका मकसद अपने तटों के बीच वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों के आवागमन को सुविधाजनक बनाना था। वाशिंगटन ने 1977 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा हस्ताक्षरित एक संधि के तहत 31 दिसंबर 1999 को जलमार्ग का नियंत्रण पनामा को सौंप दिया था। यह नहर जलाशयों पर निर्भर है और 2023 में पड़े सूखे से यह काफी प्रभावित हुई थी, जिसके कारण देश को इससे गुजरने वाले जहाजों की संख्या को सीमित करना पड़ा था। इसके अलावा नौकाओं से लिया जाने वाला शुल्क भी बढ़ा दिया गया था। इस वर्ष के बाद के महीनों में मौसम सामान्य होने के साथ नहर पर पारगमन सामान्य हो गया है लेकिन शुल्क में वृद्धि अगले वर्ष भी कायम रहने की उम्मीद है।

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