नयी दिल्लीः सरकार ने संसद में बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 17.49 लाख सदस्यों ने नवंबर 2022 में शीर्ष अदालत के आदेश के बाद उच्च पेंशन प्राप्त करने के लिए अपने वास्तविक (उच्चतर) मूल वेतन पर योगदान करने के विकल्प के लिए आवेदन किया है। वर्तमान में इन आवेदकों ने 15,000 रुपये प्रति माह की निर्धारित सीमा पर योगदान दिया या योगदान दे रहे हैं, चाहे उनका वास्तविक मूल वेतन कितना भी अधिक हो।
क्या है मामलाः श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय द्वारा 4 नवंबर, 2022 को पारित निर्णय के कार्यान्वयन में, ईपीएफओ द्वारा एक ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गई थी, जिसमें आवेदकों द्वारा विकल्प/संयुक्त विकल्पों के सत्यापन के लिए कुल 17.49 लाख आवेदन सफलतापूर्वक प्रस्तुत किए गए थे।’’ उच्चतम न्यायालय ने 4 नवंबर, 2022 को मौजूदा कर्मचारियों के कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 के तहत उच्च पेंशन का विकल्प चुनने में सक्षम होने के पक्ष में फैसला सुनाया।
ईपीएस-95ः कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95), जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 19 नवंबर, 1995 को पेश किया था, एक सामाजिक सुरक्षा पहल है जिसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की जरूरतों को पूरा करना है। ईपीएफओ द्वारा प्रशासित, यह योजना 58 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले पात्र कर्मचारियों को पेंशन लाभ की गारंटी देती है।