ऐतिहासिक स्थलों की यात्राएं और म्यूजियम दौरे को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया
कोलकाता : उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद ने उच्च माध्यमिक के करिकुलम और सिलेबस में कुछ बदलाव किए हैं। इसकी शुरुआत अगले साल नए शैक्षणिक वर्ष में की जाएगी। उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद की ओर से इतिहास के चौथे सेमेस्टर में स्थानिय ऐतिहासिक स्थलों की यात्राएं और म्यूजियम दौरे को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है। छात्रों को यात्रा के बाद वहां मौजूद ऐतिहासिक स्मारकों के बारे में परीक्षा में लिखना भी होगा। इस विषय में परीक्षार्थियों के लिए 20 अंक निर्धारित किये गये हैं। हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह टूर स्कूलों द्वारा आयोजित की जाएगी यह निजी यात्रा होगी। करिकुलम और सिलेबस के साथ ही उच्च माध्यमिक के पैटर्न में भी बदलाव किया गया है। नए सिलेबस को लेकर छात्रों के एक वर्ग द्वारा आरोप लगाया गया था कि कई विषय कठिन हैं। परिणामस्वरूप, पाठ्यक्रम में दूबारा से बदलाव किया गया। सूत्रों के अनुसार संसद की ओर से दावा है कि अंग्रेजी, बंगाली, इतिहास समेत 19 विषयों के पाठ्यक्रम में जरूरी बदलाव किया गया है। इस वर्ष की शुरुआत में जब नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया था, तो ऐसे किसी प्रशिक्षण या कार्यक्रम का कोई उल्लेख नहीं था। हालांकि इतिहास विषय के शिक्षक काफी खुश हैं कि हायर सेकेंडरी एजुकेशन संसद ने यह नया विषय फिल्ड यात्रा को जोड़ा है। इसके साथ प्रथम विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी को भी एकीकृत पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है। सिर्फ इतिहास ही नहीं, अंग्रेजी विषय में भी काफी बदलाव किया गया है। अंग्रेजी के क्षेत्र में कई विषयों को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है। स्कूलों से यह भी कहा गया है कि वे उन विषयों को हटा दें जो उन्हें कठिन लगते हैं और इन विषयों को पढ़ाएं।
क्या कहा प्रेसिडेंट ने
इसे लेकर उच्च माध्यमिक के प्रेसिडेंट चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि किसी भी थ्योरी विषय में 20 नंबर का प्रोजेक्ट होता है, इसलिए इस बार पाठ्यक्रम में इस तरह का बदलाव करके छात्रों का प्रोजेक्ट को लेकर फोकस बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।