ढाका : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा गठित एक जांच आयोग ने कहा है कि लोगों को कथित रूप से गायब किए जाने की घटनाओं में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके शासन के शीर्ष सैन्य एवं पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं। ऐसे मामलों की संख्या 3,500 से अधिक है। इस पांच सदस्यीय आयोग ने मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को शनिवार को ‘सत्य का खुलासा’ शीर्षक से अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। मुख्य सलाहकार (सीए) के कार्यालय की प्रेस शाखा ने शनिवार को कहा कि आयोग को इस बात के सबूत मिले हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के निर्देश पर लोगों को गायब किया गया।
हसीना सरकार के कई शीर्ष सैन्य व पुलिस अधिकारी मामले में शामिल : हसीना के रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी, राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र के पूर्व महानिदेशक और बर्खास्त मेजर जनरल जियाउल अहसन, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोनिरुल इस्लाम एवं मोहम्मद हारुन-ओर-रशीद और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इन घटनाओं में शामिल थे। सेना और पुलिस के ये सभी पूर्व अधिकारी फरार हैं।
गुप्त हिरासत केन्द्र का दौरा करेंगे यूनुस : यूनुस ने कहा कि वे कुछ संयुक्त पूछताछ कक्षों और गुप्त हिरासत केंद्रों का दौरा करेंगे क्योंकि वे पीड़ितों की पीड़ा के बारे में सीधे उन्हीं से जानकारी लेना चाहते हैं। यूनुस ने कहा कि वे जांच आयोग को हर तरह की सहायता देने के लिए तैयार हैं।
न्यायेतर हत्या करने वाले व्यक्तियों को भी पीड़ितों की जानकारी नहीं होती थी: आयोग के अध्यक्ष एवं उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मैनुल इस्लाम चौधरी ने यूनुस को बताया कि जांच के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि लोगों को गायब करने या न्यायेतर हत्या करने वाले व्यक्तियों को भी पीड़ितों की जानकारी नहीं होती थी। पुलिस की विशिष्ट अपराध-विरोधी ‘रैपिड एक्शन बटालियन’ और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी ने लोगों को जबरन ले जाने, उन्हें प्रताड़ित करने और हिरासत में रखने की घटनाओं को अंजाम देने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। आरएबी में सेना, नौसेना, वायु सेना और पुलिस के लोग शामिल होते हैं।
आतंकवाद रोधी अधिनियम, 2009 खत्म करने की सिफारिश : आयोग ने आतंकवाद रोधी अधिनियम, 2009 को खत्म करने या उसमें व्यापक संशोधन करने के साथ-साथ आरएबी को खत्म करने का प्रस्ताव भी रखा।
आठ गुप्त हिरासत केन्द्र मिले : आयोग में अध्यक्ष के अलावा न्यायमूर्ति फरीद अहमद शिबली, मानवाधिकार कार्यकर्ता नूर खान, निजी बीआरएसी विश्वविद्यालय की शिक्षिका नबीला इदरीस और मानवाधिकार कार्यकर्ता सज्जाद हुसैन भी शामिल हैं। इससे पूर्व आयोग ने एक प्रेस कांफ्रेंस में घोषणा की कि उसे ढाका और उसके बाहरी इलाकों में आठ गुप्त हिरासत केंद्र मिले हैं।
सभी आरोपों की जांच में एक वर्ष लगेंगे : आयोग के अध्यक्ष ने शनिवार को यूनुस को बताया कि वह मार्च में एक और अंतरिम रिपोर्ट पेश करेंगे तथा सभी आरोपों की जांच पूरी करने के लिए उन्हें कम से कम एक और वर्ष लगेगा।
गायब किये गये लोगों में कौन? पीड़ितों में हसीना के शासन का सक्रिय रूप से विरोध करने वाले विपक्ष के कार्यकर्ता और पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं। रिपोर्ट में लोगों को गायब किए जाने की घटनाओं को अपराध घोषित करने के लिए एक नया कानून बनाने की मांग की गई है।