नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत गेहूं का आवंटन बढ़ाने का ऐलान किया है। यह निर्णय गेहूं की कीमतों को स्थिर रखने के उद्देश्य से लिया गया है और यह अक्टूबर से प्रभावी होगा। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि मंत्रियों की एक समिति ने अतिरिक्त 35 लाख टन गेहूं के लिए मंजूरी दी है, जो मार्च 2025 तक जारी रहेगा। इस कदम से गेहूं-चावल के अनुपात को बहाल करने का प्रयास किया जाएगा।
गेहूं-चावल अनुपात की स्थिति
सचिव ने कहा कि बढ़ाई गई मात्रा सामान्य स्तर से 10-20 लाख टन कम होगी। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में आवंटन की समीक्षा की जा सकती है। सरकार ने मई 2022 में कम घरेलू उत्पादन के चलते पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं का आवंटन 1.82 करोड़ टन से घटाकर 71 लाख टन कर दिया था, जबकि चावल का आवंटन बढ़ा दिया गया था। चोपड़ा ने पिछले वर्ष के 11.29 करोड़ टन के बंपर उत्पादन का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान में गेहूं की उपलब्धता ‘पर्याप्त’ है। उन्होंने बताया कि उद्योग के अनुमानों के अनुसार, यह पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 40-50 लाख टन अधिक है। बाजार की चिंताओं के संदर्भ में चोपड़ा ने कहा कि गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में स्थिरता को देखते हुए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने की कोई तत्काल योजना नहीं है। हालांकि, भविष्य में ओएमएसएस की बिक्री की संभावना से इनकार नहीं किया गया है। इस तरह, सरकार के इस कदम से न केवल गेहूं की उपलब्धता में वृद्धि होगी, बल्कि कीमतों में स्थिरता भी बनी रहेगी।