Durga Puja 2024 : इस साल कुम्हारटोली के पास… | Sanmarg

Durga Puja 2024 : इस साल कुम्हारटोली के पास…

काेलकाता : कोलकाता की दुनियाभर में धूम मचाने वाली दुर्गापूजा में केवल 36 दिन ही बचे हैं। इस बीच आर जी कर मुद्दे पर राजनीति कह लीजिये या जन आक्रोश चरम पर है। इन सब के बीच हमने यह जाने की कोशिश की कि जिस दुर्गा पूजा के लिए कोलकाता ही नहीं पूरे बंगल का नाम दुनिया में ख्यात है, उस पूजा के लिए मूर्ति बनाने वाले कलाकारों का क्या हाल है। कुम्हारटोली का नाम मूर्ति से सरोकार रखने वाला दुनिया का हर कोई जानता है। इसे लेकर सन्मार्ग की टीम ने जब कुम्हारीटोली के कुछ मूर्तिकारों से बात की तो पता चला कि मूर्तिकारों के आर्डर पर ताे इसका कोई असर नहीं पड़ा है पर कुछ अब भी चिंता में हैं। उनका कहना है कि आरजी कर घटना का कुछ न कुछ असर जरूर पड़ा है।

20 से 30 % तक आर्डर आना अब भी बाकी : वहीं आंनद ने कहा कि आर जी कर घटना का कुछ हद तक असर हमारे व्यापार पर पड़ रहा है। पिछले साल की तुलना में दाम में कमी आयी, साथ ही अब तक हमारे आर्डर भी पूरे नहीं हुए है। उन्होंने बताया कि कुछ मर्तिकारों के आर्डर तो पूरे हो गये पर अब भी कुछ के पास 20 से 30 % तक आर्डर आना बाकी है।

इस साल 100 से ज्यादा विदेशों में भेजी गयी है मूर्तियां : कुम्हारटोली के मूर्तिकारों के पास विदेश से करीब 100 मूर्तियों के आर्डर आये थे। इसकी डिलीवरी भी हो चुकी है। कुम्हारटोली के मू​र्तिकार मिंटू पाल ने बताया कि इस बार विदेशों से उनके पास गत वर्ष की तुलना में ज्यादा मूर्तियों के आर्डर आये हैं। उन्होंने कहा कि जहां गत वर्ष उन्होंने 20 मूर्तियां भेजी थी, वहीं इस बार उन्होंने 28 मूर्तियां भेजी हैं। उन्होंने बताया कि इस बार पूरे कुम्हारटोली से 100 ज्यादा मूर्तियां विदेश में भेजी गयी हैं। इनमें अमेरिका, कनाडा समेत अनेक देशों के मूर्तियों के ऑर्डर शामिल हैं। वहीं केवल बंगाल के लिए छोटी बड़ी मूर्तियों को मिलाकर कुल 8000 मूर्तियां तैयार की गयी है।

यह कहा मूर्तिकारों ने

चाइना पाल वह महिला हैं जिन्होंने मूर्ति बनाने में नाम कमाया है। वह महिला मूर्तिकार हैं। उन्होंने सन्मार्ग से कहा कि आरजी कर कांड का असर कुम्हारीटोली पर नहीं पड़ा है। यह सब मां दुर्गा का आशीर्वाद है। पिछले साल कि तरह इस साल भी आर्डर मिले है। कुछ आर्डर तो भोपाल और कश्मीर से भी आये है। विख्यात मूर्तिकार कार्तिक पाल ने कहा कि आरजी कर की घटना बेहद ही निंदनीय है, हालांकि इसका प्रभाव मूर्तियाें के आर्डर पर नहीं पड़ा है। वहीं कुछ कमेटियों द्वारा लौटाये गये अनुदान के बारे में उन्होंने कहा कि यह फैसला उनका खुद का है। वही इंद्रजीत पाल ने भी कहा कि आर्डर पर काेई असर नहीं पड़ा है।

विदेश भेजी जा रही प्रतिमा

विदेश भेजी जाने वाली मूर्तियों पर एक नजर

2020 : करीब 18 मूर्तियां भेजी गयीं थीं

2021 : करीब 20- 22 मूर्तियां विदेश भेजी गयी

2022 : करीब 59 से अधिक मूर्तियां विदेश भेजी गयी

2023 : करीब 90 मूर्तियां विदेश भेजी गयी

2024 : 100 से अधिक मूर्तियां विदेश भेजी गयी

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