सहारनपुर : 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है। कांवड़ यात्रा वाले मार्गों पर खाने-पीने और फल की दुकानें लगाने वाले दुकानदारों को अपने-अपने नाम लिखवाने होंगे। दुकानदार अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों का नाम जरूर लिखना होगा। इससे कांवड़ियों को कोई कंफ्जूजन न हो। सहारनपुर मंडल के मुजफ्फनगर, सहारनपुर और शामली में सबसे पहले ये फरमान जारी किया गया है। फरमान को लेकर विवाद भी हो रहा है। इस पर सहारनपुर रेंज के DIG अजय साहनी ने अपना स्टैंड क्लीयर किया है। उन्होंने कहा-सहारनपुर रेंज के डीआईजी अजय साहनी ने कहा-कांवड़ यात्रा मार्ग पर पिछले वर्ष विवाद के कई मामले दर्ज हुए। शिकायतें आईं। लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा- कि कुछ लोग नाम बदलकर सामान बेंचते हैं। महंगा सामान मिलता है। इससे कांवड़ियों की धार्मिक भावना आहत होती है। ऐसे विवादों को रोकने के लिए यह आदेश दिया गया कि दुकानदार अपना नाम जरूर लिखें। ताकि किसी को कोई समस्या न हो। यह सभी कांवड़ मार्गों के लिए निर्देश दिए गए हैं।
कांवड़ियों को न हो कन्फ्यूजन
सहारनपुर डीआईजी अजय साहनी ने आदेश जारी करते हुए कहा- सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली के कांवड़ मार्ग पर लगने वाली दुकानों पर प्रोपराइटर, दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों का नाम लिखकर टांगना होगा। सहारनपुर से होकर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मुजफ्फरनगर के रास्ते दिल्ली, राजस्थान और यूपी के कांवड़िए उत्तराखंड में जल भरने के लिए जाते हैं।
कांवड़िए रास्ते की दुकानों, ढाबों, होटल और फलों की रेहड़ियों से सामान खरीदते हैं। जिससे उन्हें कन्फ्यूजन होता है। इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए पुलिस ने एक आदेश जारी किया है।
कई बार दुकानों पर हुआ विवाद
डीआईजी अजय साहनी ने कहा- पूर्व में नाम को लेकर कई बार विवाद हुआ है। कांवड़ियों के साथ कोई विवाद की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए ये आदेश दिया गया है। ये आदेश उन सभी कांवड़ मार्गों पर लागू होगा, जहां से कांवड़िए उत्तराखंड जल लेने के लिए जाते हैं।
शुद्ध और शाकाहारी भोजन मिल सके
कांवड़ मार्ग पर कांवड़ियों को शुद्ध और सस्ता सामान उपलब्ध हो सके, इसके लिए ये आदेश आया है। हालांकि पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये आदेश शासन स्तर से आया है। लेकिन लिखित में नहीं है। डीआईजी अजय साहनी ने बताया कि श्रावण के पवित्र माह में कई लोग खासकर कांवड़िए अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं। कांवड़िए वैष्णव ढाबों की तलाश करते थे। ऐसे में नाम लिखा होने के कारण कांवड़ियों को परेशानी नहीं होगी।