कोलकाता: स्वास्थ्य साथी कार्ड को लेकर ममता सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। इस योजना को लेकर राज्य सरकार ऑडिट करवाने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर भी राज्य सरकार मरीजों के इलाज के लिए अतिरिक्त पैसा नहीं देगी। नये नियमों में यह कहा गया है।
नई गाइडलाइन में मरीजों-अस्पतालों के लिए सख्त नियम
स्वास्थ्य विभाग की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि निजी अस्पताल में 10 दिन से ज्यादा भर्ती होने पर मेडिकल ऑडिट कराया जाएगा। राज्य सरकार उस ऑडिट को देखने के बाद तय करेगी कि राशि बढ़ायी जाएगी या नहीं। इतना ही नहीं, सर्जरी और स्त्री रोग संबंधी सर्जरी के क्षेत्र में भी नियमों में बदलाव किया जा रहा है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, मरीज जिस सर्जरी के लिए भर्ती हुआ है, उसके अलावा किसी भी सर्जरी के लिए उसे पैसे नहीं मिलेंगे। यदि मरीज की कोई अन्य बीमारी पाई जाती है या भर्ती होने के बाद सर्जरी की आवश्यकता होती है, तो अतिरिक्त पैसा नहीं मिलेगा। अगर अस्पताल अधिकारियों द्वारा पैसे का दावा किया गया तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
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अस्पतालों पर लिया जाएगा एक्शन
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यदि किसी मरीज को 10 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में रखा जाता है, तो अस्पताल अधिकारी मेडिकल ऑडिट टीम के निर्णय के बाद ही इसे आगे के लिए सरकारी पैसे पर जारी रख सकती है। यह ऑडिट डॉक्टरों की टीम करेगी। स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बिना किसी को रखा गया तो संबंधित अस्पताल और डॉक्टर पर जुर्माना लगाया जाएगा।
ऐसी कार्रवाई क्यों?
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, कुछ को सामान्य बुखार, सर्दी-खांसी की शिकायत पर भर्ती किया गया था, लेकिन उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती किया जाता है। ऐसी स्थिति में बिल बढ़ जाता है। बाद में राज्य सरकार को यह बिल चुकाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कुछ निजी अस्पताल अधिक पैसा कमाने के लिए ऐसा करते हैं। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार ऐसे सख्त कदम उठा रही है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक कई निजी अस्पताल आए दिन स्वास्थ्य सेवाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। आए दिन मरीजों को भर्ती रखकर बिल बढ़ा रहे हैं। कुछ मामलों में, अगर मरीज का इलाज नहीं हुआ है, तो भी बिल में विभिन्न खर्च शामिल किए जाते हैं।
Free ka rasan 12000 lakhi bhandar free ka ilaaj tax bhare koi maja le koi jo logo ki jarurat hy raaste naale traffic rojgar harkam m pardasi hona chaiye wo to nahi isse kya hone wala mahagai hi badegi aur y Raj karegi kab y baat logo ki samaj m aayegi bhagwan Jane
Kya haal hai rnjit bhaiya
DOES SWASTHYA SATHI CARD REALLY WORKS ,BECAUSE WE CAME ACROSS MANY PEOPLE WHOSE CARD IS ACTIVE AND WHEN THEY GO FOR ANY TREATMENT IN HOSPITALS THEY DENY TO DO THE TREATMENT UNDER SWASTHYA SATHI CARD
Absolutely you are not wrong