नई दिल्ली: Google (I/0 2024) ने नया थेफ्ट डिटेक्शन फीचर लॉक की जानकारी दी थी। यह फीचर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करता है और पता लगाता कि फोन चोरी हुआ है या नहीं। गूगल ने इस फीचर की टेस्टिंग शुरू कर दी है और इसकी शुरुआत ब्राजील से हुई है। गूगल का यह फीचर काफी असरदार साबित हो सकता है। स्मार्टफोन के चोरी होने के बाद यह टेकनीक मोबाइल को लॉक कर देगी, जिसके बाद उसमें से कोई भी डेटा, फोटो या UPI App की मदद से पेमेंट नहीं कर पाएगा।
नए एंटी थेफ्ट फीचर का मकसद यूजर्स के डेटा को प्रोटेक्ट करना है, जो स्मार्टफोन में मौजूद होता है। गूगल के मुताबिक, यह नया फीचर यूजर्स के डेटा को चोरी होने के बाद या चोरी होने के दौरान हमेशा प्रोटेक्ट करेगा।
Google का फीचर तीन तरह से करेगा काम
Google का यह फीचर तीन तरह से काम करेगा, यानी यह फोन को तीन तरह से लॉक करने का काम करेगा।
पहला, गूगल AI का इस्तेमाल करके डिटेक्ट करेगा कि हैंडसेट चोर के पास या फिर असली मालिक के पास है। कुछ मूमेंट को डिटेक्ट करने के बाद यह मोबाइल को लॉक कर देगा।
दूसरा तरीका यह है कि यूजर्स रिमोटली अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन को लॉक कर सकता है। इसके लिए यूजर्स किसी दूसरे डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं और एक प्रोसेस को फॉलो करके चोरी मोबाइल को लॉक कर सकता है। तीसरा तरीका यह है कि यह ऑटोमैटिक चोरी का मोबाइल लॉक हो जाता है। फोन जब लंबे समय तक इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होता है, तो वह ऑटोमैटिक लॉक हो जाएगा।
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मोबाइल के सेफगार्ड की तरह करेगा काम
गूगल ने इस फीचर को एक सेफगार्ड के रूप में तैयार किया है, जो संदिग्ध एक्टिविटी होने पर तुरंत ऑन हो जाता है। इस फीचर का रोल आउट प्ले सर्विस (Android 10+) के जरिए शुरू कर दिया है। अभी इसमें यूजर्स का फीडबैक लिया जाएगा और सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही इसे दूसरे देशों के लिए भी जारी किया जाएगा। गूगल ने कहा कि इस साल जुलाई में इसे दूसरे देशों के लिए भी जारी किया जाएगा।
चोरों की आएगी शामत
गूगल के इस फीचर के बाद एंड्रॉयड स्मार्टफोन की चोरी में लगाम लग सकती है। चोर, चोरी किए गए फोन को सेल भी नहीं कर सकेंगे. फोन को सेल करने के लिए मोबाइल मालिक के क्रेडेंशियल की जरूरत पड़ेगी।