कोलकाता : हिंदू धर्म में रसोई को बहुत ही पवित्र स्थान माना गया है। वास्तु शास्त्र में रसोई घर के अलावा खाने-पीने से लेकर सोने-उठने तक के लिए नियम बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का पालन करने पर व्यक्ति को जीवन में शुभता और सफलता प्राप्त होती है। इसी तरह रोटी बनाने और खाने को लेकर भी कुछ नियम हैं। वहीं, देखा गया है कि बहुत से घरों में महिलाएं रोटी गिनकर बनाती हैं। जैसे घर में जितने सदस्य हैं, वो कितनी रोटी खाएंगे उसके अंदाजे से रोटी सेंकी जाती है। लेकिन, वास्तु शास्त्र में इसको गलत माना गया है। ज्योतिष बताते हैं कि ऐसा करने से सूर्य नाराज हो जाते हैं और इसका दोष परिवार पर लगता है।
सुख-समृद्धि लाएंगे रोटी बनाने के ये नियम
- मान्यता है कि रोटी का संबंध सूर्य से होता है और जब आप गिनकर रोटी बनाते हैं तो उससे सूर्य देवता का अपमान होता है और ऐसा करने पर आपको जीवन में सूर्य ग्रह से जुड़ी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
- ऐसा भी देखा जाता है कि महिलाएं रात को रोटी बनाने के बाद बचे आटे को फ्रिज में रख देती हैं। लेकिन, वास्तु की दृष्टि से इसे भी गलत माना जाता है। मान्यता है कि बासी आटे की रोटियां बनाने से उसे खाने वाले के जीवन में नकारात्मकता बढ़ती है।
- हिन्दू धर्म मे गाय को माता का दर्जा दिया गया है। चूंकि, गाय में 33 कोटि देवताओं का वास माना गया है, इसलिए रसोई में बनी पहली रोटी को गाय को खिलाने का वास्तु मे बहुत ज्यादा पुण्य फल बताया गया है।
- वास्तु में हर एक कार्य की दिशा बताई गई है। रोटी बनाने की भी दिशा इसमें शामिल है। वास्तु के अनुसार, जिस चूल्हे पर आप रोटी बनाती हैं, वह आपके किचन में हमेशा आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। साथ ही रोटी बनाते समय आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार, हमेशा आखिरी रोटी कुत्ते को खिलानी चाहिए। मान्यता है कि रोटी से जुड़े इस उपाय को करने पर उस घर में रहने वालों की सारी विपदा गाय या कुत्ता रोटी को खाकर दूर कर देता है। रोटी के इस उपाय को करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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