कोलकाता : एक ओर संसद में 33 फीसदी महिला आरक्षण की बात की जा रही है तो दूसरी ओर राज्य में विभिन्न पार्टियों ने मात्र 14 फीसदी यानी कि 72 महिला उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा है। वहीं पुरुष उम्मीदवारों की संख्या 86 प्रतिशत है। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो देखने को मिलेगा कि बंगाल में 507 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमायी है। इनमें से 72 की संख्या में महिला उम्मीदवार और 435 की संख्या में पुरुष उम्मीदवार हैं। देशभर में इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या में करीब 10 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष पूरे देश में जहां कुल 797 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं वहीं बंगाल में इनकी संख्या 72 हैं। लगातार 3 महीने चुनाव प्रचार में इन्होंने जमकर पसीना बहाया। आज मतगणना के बाद पता चलेगा कि महिला उम्मीदवारों की किस्मत पर जनता ने क्या फैसला लिया है। किस पार्टी के उम्मीदवार को चुना है और किसे नकारा है। राज्य में तृणमूल ने इस बार जहां 12 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है वहीं भाजपा ने 7 महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया। गठबंधन की महिला उम्मीदवारों ने भी खूब पसीना बहाया। कई निर्दलीय उम्मीदवार भी पीछे नहीं रहीं।
2009 से 2024 आते आते बढ़ गयी महिला उम्मीदवारों की संख्या
एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार चुनाव में महिला उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 2024 में इनका आंकड़ा 9.6 प्रतिशत पहुंच गया है जो कि इससे पहले 2019 में 9 फीसदी, 2014 में 8 फीसदी तथा वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने 7 फीसदी महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था।
टीएमसी ने 28 फीसदी महिला उम्मीदवारों पर जताया भरोसा
तृणमूल हमेशा से ही महिलाओं को चुनाव में तवज्जो देती आयी है। इस बार भी तृणमूल ने करीब 28 फीसदी महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। तृणमूल की 12 महिला उम्मीदवार मैदान में डटी रहीं।
इनमें बारासात से डॉ. काकोली घोष दस्तीदार, जयनगर से प्रतिमा मंडल, जादवपुर से सायनी घोष, कोलकाता दक्षिण से माला राय, उलूबेड़िया से साजदा अहमद, हुगली से रचना बनर्जी, आरामबाग से मिताली बाग, मिदनापुर से जून मालिया,विष्णुपुर से सुजाता मंडल, बर्दवान पूर्व से डॉ. शर्मिला सरकार, बीरभूम से शताब्दी राय, कृष्णनगर से महुआ मोइत्रा शामिल हैं। इनमें से कई पहले से ही सांसद रही हैं वहीं करीब 6 महिला उम्मीदवार पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
भाजपा को जीत का है भरोसा
भाजपा ने इस बार 7 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा। इनमें मालदह दक्षिण से श्रीरूपा मित्रा चौधरी, बोलपुर से पिया साहा, मिदनापुर से अग्निमित्रा पॉल, हुगली से लॉकेट चटर्जी, कोलकाता दक्षिण से देवश्री चौधरी तथा कृष्णनगर से अमृता राॅय, बशीरहाट से रेखा पात्रा शामिल हैं। बता दें कि देवश्री तथा लॉकेट पहले से सांसद रही हैं।
गठबंधन की महिलाओं ने भी बहाया खूब पसीना
तृणमूल और भाजपा ही नहीं गठबंधन की भी महिला उम्मीदवार काफी सुर्खियों में रहीं। चाहे वह श्रीरामपुर से दीप्सिता धर, कूचबिहार से पिया राय चौधरी, कोलकाता दक्षिण से सायरा शाह हलीम व अन्य कई हो। इन उम्मीदवारों ने भी कोई कसर नही छोड़ी।
क्या कहना है राजनीतिक दलों का
तृणमूल महिला की स्टेट प्रेसिडेंट चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सन्मार्ग से खास बातचीत में कहा कि इस बार महिला वोटर्स की अच्छी भूमिका देखी गयी। हर चरण में महिला वोटर्स में 3 से 4 प्रतिशत अधिक भागीदारी रही। उन्होंने कहा कि हम अपनी सभी महिला उम्मीदवारों के लिए खूब प्रचार किया है। हमें पूरा भरोसा है कि बंगाल की जनता माताओं बहनों, भाइयों का पूरा आशीर्वाद मिलेगा। वहीं भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष फाल्गुनी पात्रा ने सन्मार्ग से खास बातचीत में कहा कि हमारी सभी महिला उम्मीदवार जीतेंगी। जनता का पूरा साथ मिलेगा। हमारी महिला उम्मीदवारों ने खूब मेहनत की हैं। उन्हें जरूर अच्छा फल मिलेगा।