नयी दिल्ली : केंद्र ने एप्पल के उत्पाद जैसे आईफोन, आईपैड और मैकबुक का इस्तेमाल करने वालों को आगाह किया है कि एप्पल के अपने उत्पादों को दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित होने के दावे के बावजूद एप्पल आईफोन, एप्पल आईपैड, मैकबुक और विजन प्रो हेडसेट जैसे उत्पादों में गंभीर सुरक्षा खतरे हैं। केंद्र की सिक्योरिटी एडवाइजरी सीईआरटी-इन ने गंभीर सुरक्षा खतरों की चेतावनी देते हुए यूजर्स को बताया है कि एप्पल के उत्पादों में एक गंभीर कमी सामने आयी है। इससे उपभोक्ता के फोन का डाटा लीक हो सकता है, उसका आईफोन हैक भी हो सकता है। फोन सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाले इस कमी (लूप होल) को ‘रिमोट कोड एक्जीक्यूशन’ नाम दिया गया है। वलनरेबिलिटी एप्पल सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को प्रभावित करती है। इसमें 17.4.1 से पहले के एप्पल सफारी वर्जन, 13.6.6 से पहले के एप्पल मैकओएस वेंचुरा वर्जन और 14.4.1 से पहले के एप्पल मैकओएस सोनोमा वर्जन शामिल हैं। साथ ही 1.1.1 से पहले के एप्पल विजन ओएस, 17.4.1 से पहले के आईओएस और ओएस आईपैड वर्जन और 16.7.7 से पहले के आईओएस व आईपैड ओएस वर्जन भी प्रभावित होते हैं।
क्या करें
उपभोक्ता लेटेस्ट वर्जन को अपडेट करते रहें।
पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्ट न करें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करें।
सिक्योरिटी की एक अतिरिक्त परत (एक्स्ट्रा लेयर) जोड़ने के लिए 2एफए को ऐड करें।
मैलवेयर के जोखिम को कम करने के लिए सिर्फ एप्पल ऐप स्टोर से ऐप्स और सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें और सिक्योरिटी चूक या सिस्टम फेल्योर के कारण डेटा ब्रीच से सिक्योरिटी के लिए अहम डेटा का नियमित रूप से बैकअप लें।