कोलकाता: दुर्गा पूजा के मौके पर एक दुर्गा पूजा मंडल ने पेड़ की टहनियों को छांट दिया था। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम और जस्टिस सुप्रतीम भट्टाचार्या के डिविजन बेंच ने मामले की सुनवायी के बाद पूजा मंडल को 50 पौधे लगाने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ एक PIL दायर की गई थी। हेलोजिन लाइट लगाने के लिए पेड़ की टहनियां काटी गई थी।
गैरकानूनी कार्य के लिए कमेटी जिम्मेदार- कलकत्ता HC
चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवायी के बाद आदेश दिया कि पूजा मंडल के लोग सॉल्ट लेक और इसके आसपास 50 पौधे लगाने के लिए स्थान की पहचान करेंगे। इनकी देखभाल अपने खर्च पर करनी पड़ेगी। मसलन पानी, खाद और बाड़ लगाने की जिम्मेदारी खुद ही उठानी पड़ेगी। यह काम तब तक करते रहना पड़ेगा जबतक पौधों का पूरा विकास नहीं हो जाता है। हालांकि मंडल के एडवोकेट का दावा था कि ये टहनियां लाइट लगाने में रुकावट बन रही थी इसलिए काट दी गई थी। कोई पेड़ नहीं काटा गया था। इसके साथ ही कहा कि वन विभाग से इसकी शिकायत की गई थी और जुर्माने का भुगतान किया गया था। चीफ जस्टिस ने कहा कि जुर्माना, क्या जुर्माना चुका कर कोई पेड़ काट सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप को सड़क पर लगे एक भी पेड़ को छूने का हक नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस क्षेत्र में काफी पढ़े लिखे लोग रहते हैं और हरियाली सभी के लिए जरूरी है। कमेटी गैरकानूनी कार्य के लिए जिम्मेदार है। एडवोकेट घनश्याम पांडे ने बताया कि चीफ जस्टिस के बेंच ने वनविभाग को आदेश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि इस आदेश का अनुपालन किया जाए। चार सप्ताह बाद इस बाबत रिपोर्ट दाखिल करनी पड़ेगी।