Bugdet 2024 : 3 करोड़ महिलाएं बनेंगी ‘लखपति दीदी’ | Sanmarg

Bugdet 2024 : 3 करोड़ महिलाएं बनेंगी ‘लखपति दीदी’

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस चुनावी वर्ष में गुरुवार को संसद में देश का अंतरिम बजट पेश किया। यह वर्तमान मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम अंतरिम बजट है। इसमें महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि पूरे देशभर में ‘लखपति दीदियों’ को बढ़ावा दिया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करीब एक करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। अभी मौजूदा 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ का लक्ष्य बढ़ाकर 3 करोड़ किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार महिलाओं के विकास पर पूरा ध्यान दे रही है। ‘लखपति दीदी’ इसी परियोजना का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि 9 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव आ चुका है। ‘लखपति दीदी’ योजना से महिलाओं में आत्मनिर्भरता आई है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यक्रमों में भी तेजी लाने की घोषणा की। निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाओं के तिरासी लाख स्व-सहायता समूह, सशक्तीकरण योजना और आत्मनिर्भरता से ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में बदलाव ला रहे हैं। इनकी कामयाबी से अब तक लगभग एक करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्हें सम्मानित कर उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी। इस कामयाबी से उत्साहित होकर ‘लखपति दीदी’ का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का निर्णय लिया गया है। मालूम हो कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए ‘लखपति दीदी’ योजना का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था, ‘हम सब जानते हैं कि महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता के क्या मायने हैं। सरकार महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का अभियान चला रही है।

‘लखपति दीदी’ योजना

‘लखपति दीदी’ योजना देश में महिलाओं के लिए चलाई जाने वाली स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी है। इसे शॉर्ट में एसएचजी कहते हैं। इन समूहों में महिलाओं की भागीदारी सर्वाधिक है। इन स्वयं सहायतों समूहों में ‘बैंक वाली दीदी’, ‘आंगनबाड़ी दीदी’, ‘दवाई वाली दीदी’ शामिल हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना महिलाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो देश की इन दीदियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उन्हें वर्ष भर में कम से कम एक लाख रुपये अर्जित कर स्वनिर्भर बनाया जाता है। मालूम हो कि महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए 15 अगस्त 2023 को लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लखपति दीदी’ योजना का उल्लेख किया था। आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आगे लाने के उद्देश्य के साथ यह योजना आरंभ की गयी थी।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आवंटन में 2.52 % की वृद्धि
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को 2024-25 के लिए 26,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले बजट की तुलना में 2.52 फीसदी अधिक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के संशोधित बजट अनुमान के अनुसार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को 25,448.68 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। ‘सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0’ (आंगनवाड़ी सेवाएं, पोषण अभियान, किशोरियों के लिए योजना सामूहिक रूप से शामिल) में 21,200 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा आवंटन किया गया। इसके बाद ‘मिशन शक्ति (महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन)’ के लिए 3145.97 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मिशन शक्ति (संबल) का उद्देश्य पहुंच में सुधार करना और महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनके अधिकारों और उन अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में सभी प्रयासों और विभिन्न सरकारी पहलों को एकीकृत करना है। ‘मिशन वात्सल्य (बाल संरक्षण सेवाएं और बाल कल्याण सेवाएं)’ के लिए 1,472 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के व्यापक विकास के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के उद्देश्य से ‘मिशन वात्सल्य’ योजना लागू की जा रही है।

10 वर्ष में महिला सशक्तीकरण ने गति पकड़ी

निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि उद्यमिता और जीवनयापन की सुगमता के माध्यम से महिलाओं के सशक्तीकरण में पिछले 10 वर्षों में तेजी आई है। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अंतरिम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिए गए हैं। सीतारमण का कहना था, ‘उच्च शिक्षा में लड़कियों का दाखिला 10 वर्षों में 28 प्रतिशत बढ़ गया है। ‘एसटीईएम’ (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) पाठ्यक्रमों में, लड़कियों का दाखिला 43 प्रतिशत है – जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘उद्यमशीलता, जीवनयापन में सुगमता और उनके लिए सम्मान के माध्यम से महिलाओं के सशक्तीकरण ने इन 10 वर्षों में गति पकड़ी है।’ मंत्री ने कहा कि ये सभी उपाय कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी में परिलक्षित हो रहे हैं। निर्मला ने कहा, ‘तीन तलाक को गैरकानूनी बनाना, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करना और ग्रामीण क्षेत्रों में ‘पीएम आवास योजना’ के तहत 70 प्रतिशत से अधिक घर महिलाओं को एकल या संयुक्त मालिक के रूप में देने से उनकी गरिमा बढ़ी है।’

 

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