क्या सीबीआई की जांच एक जमाने तक चलती रहेगी ?
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : टीचर नियुक्ति घोटाला मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने सीबीआई से सवाल किया कि इसका किंगपिन यानी मुखिया कौन है ? क्या उसकी तलाश के लिए सीबीआई की जांच एक जमाने तक चलती रहेगी ? जस्टिस सिन्हा शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई कर रही थीं। इसके साथ ही सुनवाई में यह भी उभर कर सामने आया कि नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तार कुंतल घोष ने सीबीआई और ईडी के खिलाफ फर्जी आरोप लगाया था। गौरतलब है कि कुंतल घोष ने आरोप लगाते हुए कहा था कि अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा है। इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की गई।
घूस देकर कितनों को मिली नौकरी, सूची मांगी गयी ?
कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने अदालत से उन नौकरी लेने वालों के नामों की सूची सौंपने को कहा है जिन पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में अवैध रूप से नौकरी पाने का आरोप था। जज ने दोनों जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई को 29 अगस्त तक सूची सौंपने का निर्देश दिया है। उन्होंने सीबीआई-ईडी को निर्देश दिया है कि रिश्वत के माध्यम से नौकरी पाने वालों की सूची शीघ्र जमा करें। प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में 42,949 शिक्षकों के एक समूह पर रिश्वत के जरिए नौकरी पाने का आरोप लगा था। टीचर नियुक्ति घोटाला के साथ पालिका नियुक्ति घोटाला भी जुड़ गया है। टीचर नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तार अयन शील के मकान से मिले दस्तावेज से पालिका नियुक्ति घोटाले का खुलासा हुआ था। जस्टिस सिन्हा ने सीबीआई से कहा कि वह उन टीचरों की तलाश करे जिन्होंने पैसे देकर नौकरी हासिल की है। इससे उन्हें मौका मिलेगा जो योग्य होने के बावजूद नौकरी पाने से वंचित रह गए थे। कोर्ट ने सीबीआई को 29 अगस्त को नए सिरे से जांच की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।