ईरान-चीन की तीन अन्य कपंनियों को भी किया प्रतिबंधित
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पद त्यागने से पहले लगातार कड़े फैसले ले रहे हैं। उन्होंने ईरान के खिलाफ एक कड़ा कदम उठाते हुए भारत स्थित ईरानी पेट्रोलियम के अटलांटिक नौवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध ईरानी पेट्रोलियम एवं पेट्रोकेमिकल्स के व्यापार के आरोप में लगाया गया है। भारत स्थित कंपनी के अलावा जिन तीन अन्य कंपनियों पर बैन लगाया गया है। उनमें से एक ब्रेकालिन चीन की कंपनी ब्रेकलिन भी सामिल है। सेशल्स की शाइनी सेल्स शिपिंग कंपनी और सूरीनाम की गैलेक्सी मैनेजमेंट कंपनी है। अमेरिका का आरोप है कि ये सभी कंपनियां ईरान से पेट्रोलियम या पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद, बिक्री और परिवहन के लेन-देन में शामिल हैं। इसके साथ ही कैमरून के झंडे वाले जहाज, पनामा के झंडे वाले जहाजों पर भी बैन लगाया गया है।
आतंकी गतिविधियों से जुड़ा है ईरान का कारोबार : अमेरिका के आतंकवाद और वित्तीय खुफिया मामलों के कार्यवाहक उप मंत्री ब्रैडली टी.स्मिथ ने कहा कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के विकास, अपने हथियार सिस्टम के प्रसार और अपने सहयोगियों को समर्थन देने के लिए जहाजों, कंपनियों और सुविधा देने वाली संस्थाओं के संदिग्ध नेटवर्क पर निर्भर है।’ ईरान पर अमेरिका ने आरोप लगाया है कि इसका तेल कारोबार संदिग्ध आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। अमेरिकी मंत्रालय ने कहा कि ईरान का तेल निर्यात कई अधिकार क्षेत्रों में अवैध नौवहन की सुविधाओं के एक नेटवर्क से संचालित होता है, जो भ्रम और धोखे से एशिया में खरीदारों को बेचने के लिए ईरानी तेल लेते और परिवहन करते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अटलांटिक नेविगेशन ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड भारत स्थित एक कंपनी है जो वीगोर जहाज के आईएसएम प्रबंधक के तौर पर ईरानी पेट्रोलियम के परिवहन में शामिल है।