लोकतांत्रित सरकार बनाने की मांग
सभी धर्म-मजहब के लोगों और महिलाओं के लिए समान अधिकार के लगे नारे
दमिश्क : सीरिया में असद परिवार के 50 साल की हुकूमत समाप्त होने के बाद यहां ऐसे लोकतंत्र की मांग उठने लगी हो। जिसमें सभी धर्म-मजहब के मानने वालों के लिए समान अधिकार हो। महिलाओं को सार्वजनिक जीवन जीने के साथ उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाय। बीते दिन इसको लेकर दमिश्क के उम्मयद स्कवायर में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने धार्मिक शासन नहीं, ईश्वर धर्म के लिए है और मातृभूमि सभी के लिए है और हमें लोकतंत्र चाहिए, धार्मिक राज्य नहीं के चाहिए के नारे लगाए।
8 दिसंबर को तख्ता पलट : जानकारी हो कि बीते 8 दिसंबर को सीरियाई क्रांति सशस्त्र बलों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति असद को देश छोड़कर रूस भागना पड़ा था। विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का कब्जा होने के बाद राजधानी दमिश्क की सड़कों पर जबरदस्त जश्न मनाया गया।
क्या है डर : वहीं एचटीएस ने धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन देकर यहां एक मार्च 2025 तक के लिए अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति
की है। नए नेतृत्व को लेकर लोगों में डर का माहौलसीरिया में एचटीएस के आश्वासन के बाद भी कई लोगों में डर का माहौल है। लोगों का लग रहा है कि देश का नया नेतृत्व भी धार्मिक शासन को मजबूत करेगा। यह अल्पसंख्यक समुदायों को हाशिए पर डाल देगा और महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर कर देगा।
महिलाओं की स्वतंत्रता की भी मांग : प्रदर्शन के दौरान महिलाओं की स्वतंत्रता की भी मांग की गई। प्रदर्शन में एक युवक ने कहा कि स्वतंत्र महिलाओं के बिना स्वतंत्र राष्ट्र नहीं। अभिनेत्री रघदा खतेब ने कहा कि सीरियाई महिलाएं सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा में, घायलों की देखभाल में, जेलों और हिरासत केंद्रों में निरंतर भागीदार रही हैं। जो लोग अत्याचारी शासन के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे, वे फिर से बाहर आने और शासन करने के लिए तैयार हैं।