मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का बेतुकी दावा, कहा-वक्फ की जमीन पर लग रहा महाकुंभ | Sanmarg

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का बेतुकी दावा, कहा-वक्फ की जमीन पर लग रहा महाकुंभ

बरेली : आस्था के महाधाम प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारी अपने अंतिम चरण में है। महाकुंभ मेले में मुस्लिमों के प्रवेश और दुकानें लगाने की मनाही पर लगातार बयानबाजी हो रही है। इसी बीच बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक अलग ही राग अलाप दी है। उन्होंने महाकुंभ स्थल की जमीन को वक्फ की संपत्ति होने का दावा कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार रिजवी यहीं नहीं रुके उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि महाकुंभ में बड़ी संख्या में मुसलमानों का धर्मांतरण भी कराया जा रहा है। शायद इसी लिए मुसलमानों को दुकान लगाने से मना किया गया है।

मौलाना का दिमाग खराब… : रजवी के बयान की अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मौलाना का दिमाग खराब हो चुका है। यही वजह है कि वो इस तरह की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर महाकुंभ का आयोजन होता है वो गंगा यमुना का क्षेत्र है। यहां किसी का कोई अधिकार नहीं है। वहीं, इसपर साधु संतों ने नाराजगी व्यक्त की है। महाकुंभ में आए साधु संतों का कहना है कि मौलाना के पास इस बात को लेकर कोई सबूत नहीं है कि मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जा रहा है। संतों ने कहा कि अगर उन्हें ऐसा लगता है तो वो दुनिया के सामने इसका सबूत लेकर आ आए।संतो ने ये भी कहा कि यह देश सनातनियों का है यहां कोई और धर्म नहीं था।

 

रिजवी ने क्या कहा : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को एक बयान जारी कहा कि प्रयागराज के जो मुसलमान हैं, उनमें से एक सरताज ने इस उन्हें जानकारी दी कि जिस जमीन के ज्यादातर हिस्से पर शामियाने और तंबू लगाए गए हैं, वो जमीन वक्त की है और वहां के मुसलमानों की है। ये जमीन लगभग 54 बीघा है, जहां मेला लग रहा है। इन तमाम चीज़ों को बहुत गौर से साधु संतों को सोचना चाहिए। उन्हें इस तरह की सोच को छोड़नी होगी, मुसलमानों की तरह बड़ा दिल दिखाना होगा। वहां के जो जिम्मेदार लोग हैं उन लोगों को इस पर गौर करना चाहिए।

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