साल्टलेक से नागेरबाजार तक सड़कें गांव से भी बदतर, यात्रा हो रही दुश्वार | Sanmarg

साल्टलेक से नागेरबाजार तक सड़कें गांव से भी बदतर, यात्रा हो रही दुश्वार

Roads from Salt Lake to Nagerbazar

कोलकाता : कोलकाता को जोड़ने वाले नागेरबाजार से लेकर पातीपुकुर तक जैसोर रोड का हाल तो बदहाल है ही। नागेरबाजार लेकटाउन, सॉल्टलेक और बांगड़ भी किसी से कम नहीं है। सॉल्टलेक जो डॉ. विधान चंद्र रॉय के सपनों का शहर था, आज अगर वह हाेते तो अपने शहर की बदहाली पर रोते जरूर। यहां स्वास्थ्य भवन से लेकर करुणामयी तक सड़कों से पिच पूरी तरह उखड़ गयी है और ऐसा लगता है जैसे किसी गांव की सड़क से लोग आना-जाना कर रहे हैं। अब तो गांवों में भी ऐसी सड़कें नहीं देखने को मिलती हैं। इसके अलावा सॉल्टलेक में प्रख्यात होटल के पास भी सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं। इस कारण जहां कार खराब हो रही है तो बाइक वालों की तो जान पर बन आ रही है। सड़कों के बीच में बड़े-बड़े गड्ढे सड़क दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं। लेकटाउन के पास कभी जया सिनेमा हुआ करता था। उस ओर से अगर आप जैसोर रोड की ओर आगे बढ़ रहे हैं तो गोल चक्कर के निकट ही 3 फीट का गड्ढा आपका इंतजार कर रहा है। रात को कहीं अंधेरा है तथा आप बाइक पर सवार हैं तो आप ईश्वर को याद कीजिये। यह हाल है राज्य के दो मंत्रियों के इलाके का। बांगड़ एवेन्यू से वीआईपी रोड से सटे जो सर्विस रोड जाती है वहां भी यही हाल है। कार वाले बचते बचाते गाड़ी चलाते हैं।

कई बार हुई दुर्घटनाएं

लेकटाउन मोड़ तक का यही हाल है। जैसोर रोड की हालत तो और खराब है। पातीपुकुर ब्रिज के प्रवेश द्वार पर ही बड़े-बड़े गड्ढे वाहनों की दुर्दशा के लिए काफी हैं। हाल यह है कि छोटे वाहन यानी आॅटो-टाेटो अब इस रास्ते से गुजरने में परहेज करते हैं। कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। यह हाल एक दिन में नहीं हुआ है बल्कि महीना लग चुका है। नागेरबाजार फ्लाईओवर का भी बुरा हाल है। फ्लाईओवर की मरम्मत शायद ही कभी हुई हो। पिच पूरी तरह से उखड़ गयी है और पूरे फ्लाईओवर का ही ऐसा हाल है। यही नहीं इन गड्ढों की वजह से यहां लम्बा जाम भी लगने लगा है लेकिन लोग कहते हैं कि मंत्री से लेकर आला अधिकारी तक उस इलाके से गुजरते हैं। हिचकोले खाते हैं लेकिन कोई कुछ कदम नहीं उठाता। मानो आम जनता को उनके भाग्य भरोसे छोड़ दिया गया हो। अभी पूजा के समय ताली चिप्पी लगाकर गड्ढे भरने का काम शायद अगले दो दिनों में शुरू भी हो जाए, लेकिन इसकी पक्की मरम्मत नहीं की जाती। यही कारण है कि सड़कें बारिश में खंडहर में बदल जाती हैं। जो ठेकेदार हैं वह भी खुश हैं कि चलो इसी बहाने हर पर्व के समय काम तो मिलता है। हालांकि कर दाताओं की गाढ़ी कमायी इस तरह से बर्बाद हो रही है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। सरकार की ओर से सीएम ने इस तरह की चीजों को ठीक करने का आदेश दिया था मगर उनके आदेश पर अभी तक अमल नहीं हुआ है ।

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