कोलकाता : छठ पूजा, जो दिवाली के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाई जाती है, में कई प्रकार के खास प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। इन प्रसादों और फलों का विशेष महत्व है, और इन्हें छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाया जाता है। इस वर्ष 2024 में छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय खाय से हो चुकी है और व्रत का समापन 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले इन विशेष प्रसादों और फलों का क्या महत्व है, जानिए:
1. ठेकुआ (Thekua)
ठेकुआ छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय प्रसाद है, जो विशेष रूप से आटे, गुड़ और घी से तैयार किया जाता है। इसे व्रति (व्रत रखने वाले) खुद बनाते हैं। यह प्रसाद ऊर्जा और शक्ति देने के लिए माना जाता है, क्योंकि गुड़ शरीर को गर्म रखने में मदद करता है, खासकर जब छठ पूजा के समय ठंड का मौसम होता है। ठेकुआ का सेवन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शरीर को भी बल और उर्जा प्रदान करता है।
2. केला (Banana)
केला छठी मैया के प्रिय फलों में शामिल है और यह भगवान विष्णु को भी प्रिय फल माना जाता है। पूजा में विशेष रूप से केले का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इसे विशेष रूप से घर में लाकर पकाया जाता है ताकि पक्षी इसे झूठा न कर सकें, क्योंकि पूजा के दौरान केले को शुद्ध रूप में चढ़ाना जरूरी होता है।
3. डाभ नींबू (Raw Lemon)
डाभ नींबू, जो आकार में बड़ा होता है, छठ पूजा में प्रसाद के रूप में विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। इस नींबू का खट्टा-मीठा स्वाद होता है, और इसे खाने से पक्षी इसे झूठा नहीं करते हैं। यह पूजा की शुद्धता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
4. नारियल (Coconut)
नारियल को भारतीय पूजा-पाठ में एक शुभ फल माना जाता है और यह हर पूजा में शामिल किया जाता है। छठ पूजा में भी नारियल को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। इसे विशेष रूप से पूजा स्थल पर रखा जाता है और इसकी शुद्धता को भी अत्यंत महत्व दिया जाता है। नारियल छठ पूजा की दिव्यता और संप्रभुता को दर्शाता है।
5. गन्ना (Sugarcane)
गन्ना छठी मैया को विशेष रूप से प्रिय फल माना जाता है। छठ पूजा के दौरान गन्ने का एक घर तैयार किया जाता है, जिसमें गन्ने को पूजा का हिस्सा बनाया जाता है। गन्ने का प्रसाद चढ़ाने से छठी मैया प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद देती हैं। गन्ना पूजा में समृद्धि और समृद्ध जीवन का प्रतीक है।
6. सिंघाड़ा, सुपारी और सुथनी (Water Chestnut, Betel Nut and Suthni)
छठ पूजा में पानी में उगने वाला सिंघाड़ा, मिट्टी में उगने वाली सुथनी और सुपारी को भी विशेष प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। इन चीजों का धार्मिक महत्व है और माना जाता है कि ये स्वास्थ्य को लाभकारी होती हैं। सिंघाड़ा, सुपारी और सुथनी को प्रसाद में शामिल करना पूजा की संपूर्णता और पूर्णता का प्रतीक है।
7. पपीता (Papaya)
पपीता भी छठ पूजा के दौरान चढ़ाया जाता है और इसे विशेष रूप से पूजा के फलों में शामिल किया जाता है। पपीता छठी मैया को प्रसन्न करने का एक साधन है और इसे शुद्ध फल माना जाता है। छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले ये खास प्रसाद न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक भी माने जाते हैं। इन प्रसादों का वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी महत्व है, क्योंकि ये शरीर को ऊर्जा, पोषण और शांति प्रदान करते हैं। इन प्रसादों के माध्यम से छठी मैया से आशीर्वाद प्राप्त कर व्रति अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाने का प्रयास करते हैं।