कोलकाता : 1873 से कोलकाता की सड़कों पर दौड़ रही प्रतिष्ठित ट्राम शहर की विरासत और आकर्षण का प्रतीक हैं। कोलकाता के सबसे महत्वपूर्ण उत्सव के दौरान इस मील के पत्थर को त्योहार का अग्रीण हिस्सा बनाने के लिए धर्मतल्ला ट्राम डिपो में एक ट्राम को पूजा पंडाल का रूप दिया गया है। पंडाल के थीम को निरुत्तर नाम दिया गया है। इस थीम के तहत पंडाल को एक वृद्धाश्रम के तर्ज पर दर्शाने की कोशिश की गई है। ऐसा वृद्धाश्रम जहां वृद्धाएं निर्जनता में अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं। पंडाल की आंतरिक सजावट को देखने पर शायद ही ऐसा प्रतित होगा कि पूजा पंडाल ट्राम कम्पार्टमेंट में तैयार किया गया है। पंडाल में प्रवेश करते ही लोहे की घुमावदार सीढ़ी स्थापित की गई है। सीढ़ी का उपरी हिस्सा जंग लगा जबकी निचले पायदान चमकदार और नए हैं। इस सीढ़ी के माध्याम से व्यक्ति के बढ़ते उम्र को दर्शाने की कोशिश की गई है। लाल और काले रंग से तैयार पूजा पंडाल में एक साधारण महिला के जीवन चक्र को भी दर्शाया गया है। सोमवार को पूजा पंडाल का उद्घाटन भी वृद्धाश्रम में रहने वाली महिलाओं द्वारा कराया गया। सीड्ज फाउंडेशन की ओर से आयिजत की गई दुर्गा पूजा के बारे में बताते हुए आयोकर्ता अमृता सिंह ने बताया कि संस्थान ने वेस्ट बंगाल ट्राम कॉर्परेशन से पूजा आयोजन के लिए संपर्क किया था। पंडाल की थीम साझा किए जाने के बाद ट्राम कॉर्परेशन ने ट्राम उपलब्ध कराया। करीब 15 दिनों की समयावधी में पूरे पंडाल को तैयार किया गया। दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा उत्सव है। कुछ दशक पहले तक पंडाल परिक्रमा के दौरान ट्राम यातायात का एक प्रमुख साधान हुआ करता था। भले ही आज ट्राम की जगह तेज रफ्तार गाड़ियों ने ले ली है लेकिन ऐतिहासिक ट्राम दुर्गोत्सव में हर साल किसी न किसी रूप में शामिल होता रहेगा।
Kolkata Durga Puja: पुरानी ट्राम, नया रूप, कोलकाता की ऐतिहासिक ट्राम बनी पूजा पंडाल
Visited 3,408 times, 1 visit(s) today