काेलकाता : दुर्गा पूजा का समय आ गया है और लोगों की संख्या भी सड़कों पर बढ़ गयी है। वहीं दुर्गा पूजा के ठीक पहले काफी बेतरतीब तरीके से बसें चलायी जा रही हैं जिस कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। एसप्लानेड, श्यामबाजार, हाजरा समेत महानगर की महत्वपूर्ण क्रासिंगों पर बसों द्वारा ओवरटेकिंग की कोशिश काफी अधिक हो रही है। दरअसल, क्रासिंगों पर बसों का इंतजार कर रहे लोगों की संख्या कुछ अधिक रहती है जिस कारण बस ड्राइवर ओवरटेक करने के चक्कर में काफी रैश ड्राइविंग कर रहे हैं।
कम हो गयी है यात्रियों की संख्या : मेट्रो का विस्तार होने के बाद बसों में यात्रियों की संख्या पहले से काफी कम हो गयी है। ऐसे में बस संगठनों का मानना है कि अधिक यात्री चढ़ाने के लिए बस ड्राइवरों द्वारा ओवरटेकिंग की जाती है। इसके अलावा अगर एक ही रूट की बस होती है तो फिर जो जल्दी गंतव्य पर पहुंचता है, उसे कमीशन मिलता है। इस कारण समान रूट की बसों द्वारा ओवरटेकिंग की जाती है।
बेवजह लिया जा रहा नो पार्किंग का जुर्माना : ऑल बंगाल बस मिनीबस समन्वय समिति के महासचिव राहुल चटर्जी ने कहा कि नो पार्किंग का जुर्माना बेवजह लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमजी रोड, ब्रेबर्न रोड, स्ट्रैंड रोड, पोस्ता जैसे इलाकों में पुलिस बेवजह नो पार्किंग के नाम पर जुर्माना वसूल रही है। इतने भीड़भाड़ इलाकों में 30 से 40 यात्रियों के साथ बस भला पार्किंग में खड़ा कर कोई ड्राइवर कहां जाएगा ? ट्रैफिक पुलिस का उद्देश्य राजस्व अदायगी कर दिये जाने के कारण यह सब हो रहा है। हालांकि काफी इलाकों में समान रूट की दो बसें एक साथ आने व टाइम मेंटेन नहीं किये जाने के कारण ओवरटेकिंग व रैश ड्राइविंग की जाती है जो नहीं होनी चाहिए।
अक्सर होती हैं सड़क दुर्घटनाएं
बसों द्वारा ओवरटेकिंग के कारण सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। कोलकाता ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में बस से हुई सड़क दुर्घटना में कुल 45 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2021 में बस से सड़क दुर्घटना में 43 लोगों की मौत हुई थी जबकि 2020 में इसकी संख्या 51 थी।