नई दिल्ली: छठ पूजा 2024 का महापर्व अपने अंतिम दिन पर पहुंच चुका है। आज छठ पूजा का समापन उगते सूर्य को उषा अर्घ्य देने के साथ होगा। चार दिन चलने वाली इस पूजा में भगवान सूर्य की विशेष उपासना होती है, और उषा अर्घ्य ही इस पूजा का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है।
उषा अर्घ्य का शुभ मुहूर्त
उषा अर्घ्य का समय विभिन्न राज्यों में अलग-अलग होता है। यहां जानिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे प्रमुख राज्यों में सूर्योदय का समय:
- दिल्ली: सुबह 6:38 बजे
- पंजाब: सुबह 6:43 बजे
- बिहार: सुबह 6:02 बजे
- पश्चिम बंगाल: सुबह 5:50 बजे
- उत्तर प्रदेश: सुबह 5:20 बजे
- झारखंड: सुबह 5:58 बजे
उषा अर्घ्य देने की विधि
छठ पूजा में उषा अर्घ्य का विशेष महत्व होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रति अपना व्रत समाप्त करते हैं। यह पूजा समृद्धि, स्वास्थ्य और संतान सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है। उषा अर्घ्य के दौरान यह ध्यान रखना जरूरी है कि जल की बूंदें पैरों पर न पड़ें।
सूर्य देव को अर्घ्य देते समय कुछ मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जाता है:
- “ॐ घृणि: सूर्याय नमः”
- “ॐ आदित्य भास्कराय नमः”
- “ॐ सूर्याय नमः”
यदि कोई मंत्र याद न हो तो केवल सूर्य देव का नाम लेने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है।
व्रत का समापन
उषा अर्घ्य के बाद व्रति व्रत तोड़ते हैं, जो एक खास विधि से किया जाता है। व्रत तोड़ने के लिए कच्चे दूध से बने शरबत का सेवन किया जाता है और इसके बाद छठ पूजा का प्रसाद खाकर व्रत पूरा किया जाता है। इस तरह से छठ पूजा का समापन होता है। छठ पूजा का यह पर्व श्रद्धा, आस्था और भक्तिपूर्वक सम्पन्न होता है, और इस दिन उषा अर्घ्य के साथ छठी मैया और सूर्य देव की कृपा से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।